Agra road digging FIR:डीएम की सख्ती : सड़क खुदाई पर अब लगेगी लगाम, गड्ढा मुक्त शहर का ऐलान

|-बिना अनुमति के खोदी सड़क तो होगी एफआईआर

-15 दिन में शहर की सड़कों का सर्वे कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश

-सड़क पर मिट्टी, मलबा और निर्माण सामग्री डालने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई

-सड़क खुदाई की अनुमति अब केवल एडीएम (नगर) से मिलेगी

-मेट्रो, जल निगम, जलकल, विद्युत विभाग को तालमेल से काम करने के निर्देश

आगरा: आगरा में सड़कें खोदने की अराजकता, गड्ढों से भरे रास्ते और ट्रैफिक जाम की समस्याओं पर आखिरकार प्रशासन सख्त हो गया है। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में नगर निगम, एडीए, मेट्रो प्रोजेक्ट, जल निगम, जलकल, पीडब्ल्यूडी समेत सभी प्रमुख विभागों के अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर साफ चेतावनी दी है कि अब बिना अनुमति कोई भी विभाग सड़क नहीं खोदेगा। अगर किसी ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया तो संबंधित अधिकारी और ठेकेदार के खिलाफ सीधे एफआईआर दर्ज होगी। शहर का सर्वे और तीन माह में सभी मुख्य सड़कों की मरम्मत पूरी करने की समय सीमा तय कर दी है। साथ ही सड़क पर मिट्टी, मलबा और निर्माण सामग्री गिराने वालों के खिलाफ भी अब कड़ी कार्रवाई होगी। आपको बता दें कि शहर मेें मेट्रो प्रोजेक्ट और विभिन्न विभागों की मनमानी खुदाई ने शहर की यातायात व्यवस्था को चरमराकर रख दिया है।

Agra DM Arvind Mallappa Bangari inspecting pothole-filled roads with city officials for traffic safety and road repair | आगरा DM अरविंद मल्लप्पा बंगारी सड़कों का निरीक्षण करते हुए, नगर अधिकारियों के साथ बैठक
मीटिंग करते डीएम अरविंद मल्लप्प बंगारी साथ हैं नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल व अन्य।


संबंधित अधिकारी व ठेकेदार के खिलाफ होगी एफआईआर

डीएम ने बैठक में साफ कहा कि अब बिना अनुमति कोई भी विभाग सड़क नहीं खोदेगा। यदि किसी विभाग को पाइप लाइन, केबल या किसी और कारण से सड़क खोदने की आवश्यकता है तो उसे एडीएम (नगर) से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा।प्रोटोकॉल का पालन न करने पर संबंधित अधिकारी और ठेकेदार दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। डीएम ने दो टूक शब्दों में चेतावनी दी कि शहर की जनता को अब विभागीय लापरवाही का खामियाजा नहीं भुगतना पड़ेगा।


अब तक शहर में 75 से ज्यादा स्थानों पर खोदी जा चुकी है रोड

  • शहर में करीब 75 से अधिक स्थानों पर पिछले दो वर्षों में सड़क खोदी गई है।
  • बरसात में जलभराव और गड्ढों के कारण 35 से अधिक सड़क दुर्घटनाएँ दर्ज की गईं, जिनमें कई लोगों को गंभीर चोटें आईं।
  • टेलीकॉम कंपनियों और जल निगम की पाइप लाइन डालने की जल्दबाज़ी में कई जगह बिजली और पानी की सप्लाई बाधित हुई।
  • खुदाई के बाद कई बार सड़क की मरम्मत महीनों तक लंबित रही, जिससे स्थानीय दुकानदारों का कारोबार बुरी तरह प्रभावित हुआ।

रखना होगा विभागीय समन्वय

पहले विभाग अपने-अपने स्तर पर काम करते थे। न तो कोई साझा तालमेल होता था और न ही किसी केंद्रीय प्राधिकरण से अनुमति लेनी पड़ती थी। नतीजा यह कि एक ही सड़क कई बार खोदी जाती। उदाहरण के तौर पर, आगरा-कैन्ट रोड पर पिछले तीन साल में चार बार खुदाई हुई पहले जल निगम ने, फिर विद्युत विभाग ने, उसके बाद मेट्रो ने और अंत में टेलीकॉम कंपनी ने।

एडीएम सिटी से लेनी होगी परमीशन

  • सड़क खुदाई की अनुमति केवल एडीएम (नगर) देंगे।
  • खुदाई के बाद संबंधित विभाग को तुरंत सड़क की मरम्मत करनी होगी।
  • निर्माण सामग्री, मलबा या मिट्टी सड़क पर नहीं छोड़ी जाएगी।
  • यदि नियमों का पालन नहीं किया गया तो विभागीय अधिकारी और ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज होगी।

गड्ढा मुक्ति अभियान अभी 60 प्रतिशत काम बाकी

नगर निगम और पीडब्ल्यूडी के अनुसार शहर की करीब 124 मुख्य सड़कों में से 68 सड़कें अभी भी गड्ढों से भरी हैं।मेट्रो प्रोजेक्ट के कारण विशेषकर एमजी रोड, ताजगंज और सिकंदरा क्षेत्र की सड़कें सबसे खराब स्थिति में हैं।अब तक केवल 40 प्रतिशत काम पूरा हुआ है, जबकि शेष 60 प्रतिशत पर काम बाकी है।सड़क मरम्मत और गड्ढा मुक्त अभियान के लिए लगभग 312 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है। इसमें से 180 करोड़ रुपए अब तक खर्च किए जा चुके हैं। शेष राशि नगर निगम और एडीए के सहयोग से चरणबद्ध तरीके से खर्च की जाएगी।

हो चुके हैं कई हादसे

कई स्थानों पर सड़क खोदाई के दौरान बिजली के तार और ट्रांसफार्मर की लाइनें उजागर हो गईं। विशेषकर शाहगंज और नाई की मंडी इलाके में पैदल चलने वालों और वाहन चालकों के लिए यह खतरा बन गया है।पिछले एक वर्ष में बिजली के तारों के संपर्क में आने से 6 दुर्घटनाएँ दर्ज की गई हैं।

सड़क खोदाई से ये हो रहा नुकसान

आमतौर पर ये देखा जाता है कि शहर में सड़़क खोदने से सबसे बड़ा नुकसान व्यापारियों और दुकानदारों को होता है। रास्ता ब्लॉक होने से ग्राहक नहीं आते. अब तो बारिश का मौसम है तो खतरा और भी ज्यादा है । बारिश होने से गढ्डों पर पानी भर जाने से राहगीरों को ये भी पता नहीं चलता कि रोड कहां है रास्ता कहां है. रास्ता ब्लॉक से होने से जाम की समस्या पैदा हो जाता है। कई बार ये भी देखा गया है कि पहले टेलीकॉम कंपनियों के ठेकेदार ने खोदाई कर ली इसके बाद टोरंट ने खोदाई शुरु कर दी। उस कंपनी का काम बंद हुआ तो फिर जल निगम ने खोदाई कर दी। इससे आगराइट्स के सामने समस्या बनी ही रहती है।

 सड़क खोदाई में प्रोटोकॉल  का हो पालन

 डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने अधीनस्थों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि विभागीय अफसर आपस में समन्वय स्थापित कर कार्य करें कार्य करने से पहले एडीएम सिटी ऑफिस से उसकी परमीशन प्राप्त करें उसके बाद ही कार्य करें।डीएम ने सभी विभागों को निर्देशित किया है कि अगले तीन महीनों में शहर की मुख्य सड़कों को गड्ढा मुक्त किया जाए। साथ ही निर्माण सामग्री और खुदाई कार्य में प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जाए।

मीटिंग में ये रहे मौजूद

डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी, नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल, एडीए उपाध्यक्ष एम. अरुनमोली, डीएफओ राजेश कुमार, एडीएम (नगर) यमुनाधर चौहान, एडीएम (प्रोटोकॉल) प्रशांत तिवारी, मेट्रो परियोजना निदेशक अरविंद कुमार राय, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी आरएस वर्मा, जलकल संस्थान व जल निगम के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद रहे।

“अब सड़क खोदने से पहले अनुमति लेना अनिवार्य होगा। नियम तोड़ने पर विभागीय अधिकारी और ठेकेदार दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी। शहर की जनता की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है।” अरविंद मल्लप्पा बंगारी, डीएम

“नगर निगम ने 15 दिन में गड्ढा मुक्त अभियान पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं।”

अंकित खंडेलवाल,नगर आयुक्त

“एडीए अपनी परियोजनाओं में निर्माण सामग्री सड़क पर नहीं छोड़ेगा। हमने ठेकेदारों को लिखित आदेश दे दिया है कि नियम तोड़ने पर ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।”

एम. अरुनमोली, एडीए वीसी

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Avdhesh Bhardwaj, Senior Journalist with 22+ years of experience, has worked with Dainik Jagran, iNext, The Sea Express and other reputed media houses. He has reported on politics, administration, crime , defense, civic issues, and development projects. Known for his investigative journalism and sting operations, he is now contributing to Today NewsTrack as a leading voice in digital media.”

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