
57,519 स्नातकों को डिग्री, 129 को पीएचडी की उपाधि, 117 मेधावी पदक में भी छात्राएं आगे
आगरा।डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा, अपने वार्षिक दीक्षा समारोह की तैयारियों के अंतिम चरण में है। यह समारोह 20 अगस्त 2025 को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित होगा और इस बार इसमें कई विशेषताएं होंगी। सबसे बड़ी बात यह है कि स्नातक की डिग्री पाने वालों में छात्राएं छात्रों से अधिक हैं। विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार, स्नातक स्तर पर 57,519 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की जाएगी, जिनमें 29,919 छात्राएं और 27,600 छात्र शामिल हैं। यह स्थिति इस बात का संकेत है कि शिक्षा के क्षेत्र में महिलाएं लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं और अवसर मिलने पर हर क्षेत्र में अग्रणी बन रही हैं।
पीएचडी उपाधि भी 129 शोधार्थियों को
इस दीक्षा समारोह में 129 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। इनमें विभिन्न संकायों के विद्वान शामिल हैं, जिन्होंने विज्ञान, वाणिज्य, कला, प्रबंधन, कानून और शिक्षा जैसे विविध क्षेत्रों में शोध कार्य पूरे किए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इस बार डीलिट (D.Litt.) और डीएससी (D.Sc.)की उपाधियां प्रदान नहीं की जाएंगी।
मेधावियों के लिए 117 पदक, छात्राओं की संख्या अधिक
समारोह में 117 मेधावी पदक भी वितरित किए जाएंगे। इनमें से 56 पदक छात्राओं को और 21 पदक छात्रों को दिए जाएंगे। यह अंतर दर्शाता है कि न केवल संख्या में, बल्कि शैक्षणिक उत्कृष्टता में भी छात्राएं आगे हैं। कुलपति प्रो. आशु रानी ने कहा,जब बेटियों को पढ़ने और आगे बढ़ने का अवसर मिलता है, तो वे पूरी मेहनत के साथ खुद को साबित करती हैं। इस साल का परिणाम हमारे लिए गर्व की बात है।”
डिग्री वितरण पर एक नजर
सत्र 2025-26 के लिए डिग्री वितरण का विस्तृत विवरण इस प्रकार है —
- स्नातक (Undergraduate)
- कुल संख्या: 57,519
- छात्र: 27,600
- छात्राएं: 29,919
- प्रोफेशनल पाठ्यक्रम (Professional Courses)
- कुल संख्या: 14,306
- छात्र: 7,909
- छात्राएं: 6,397
- परास्नातक (Postgraduate)
- कुल संख्या: 9,282
- छात्र: 2,919
- छात्राएं: 6,363
- पीएचडी (Doctor of Philosophy)
- कुल संख्या: 129 शोधार्थी
विश्वविद्यालय का गौरवशाली इतिहास और दीक्षा समारोह का महत्व
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय (पूर्व में आगरा विश्वविद्यालय) की स्थापना 1927 में हुई थी और यह देश के प्रमुख उच्च शिक्षा संस्थानों में से एक है। हर वर्ष होने वाला दीक्षा समारोह केवल डिग्री वितरण का अवसर नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियों का उत्सव भी है। इसमें मेधावी विद्यार्थियों को सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया जाता है, जिससे वे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनते हैं।
दीक्षा समारोह से पहले साहित्य उत्सव
दीक्षा समारोह के पूर्व मंगलवार से दो दिवसीय साहित्य उत्सव का आयोजन हो रहा है। इसमें आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी के डिग्री व डिप्लोमा के छात्र-छात्राएं (आयु 25 वर्ष से कम) भाग ले सकते हैं।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. भूपेंद्र स्वरूप शर्मा ने बताया कि
“आमतौर पर दीक्षा समारोह के साथ युवोत्सव आयोजित होता है, जिसमें वाद-विवाद, काव्य पाठ, निबंध, नृत्य और गायन जैसी प्रतियोगिताएं होती हैं। लेकिन इस बार समय की कमी के कारण इसे दो चरणों में किया जा रहा है, जिसका पहला चरण साहित्य उत्सव है।”
प्रतियोगिता स्थलों का कार्यक्रम:
- मंगलवार: सेठ पदम चंद्र और दाऊ दयाल शिक्षण संस्थान
- बुधवार: सेठ पदम चंद जैन और जेपी सभागार
प्रतिभागियों को अपने कॉलेज से प्रमाणित पत्र लाना अनिवार्य है।
आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिताएं
- गंगाधर शास्त्री वाद-विवाद प्रतियोगिता
- पन्नालाल अंग्रेजी वाद-विवाद प्रतियोगिता
- गांधी विचार गोष्ठी
- वाक प्रतियोगिता
- क्विज (लिखित) प्रतियोगिता
- काव्य पाठ प्रतियोगिता
- निबंध प्रतियोगिता
- देशभक्ति समूह गान प्रतियोगिता
- समूह लोक नृत्य प्रतियोगिता
पदक वितरण की प्रक्रिया
पदक उन विद्यार्थियों को दिए जाते हैं, जिन्होंने अपने विषय में सर्वोच्च अंक प्राप्त किए हैं। इसमें स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक शामिल होते हैं। विश्वविद्यालय की परंपरा के अनुसार, पदक वितरण से पहले प्रत्येक मेधावी का संक्षिप्त परिचय और उपलब्धियों का उल्लेख किया जाता है।
सुरक्षा और प्रशासनिक तैयारियां
दीक्षा समारोह में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं, अभिभावक, शिक्षक और अतिथि शामिल होंगे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्यक्रम को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। परिसर में सुरक्षा हेतु पुलिस बल की तैनाती होगी, प्रवेश द्वारों पर पास की जांच की जाएगी और मुख्य पंडाल में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध रहेगी।
मुख्य अतिथि और विशेष अतिथि
हालांकि विश्वविद्यालय ने अभी तक आधिकारिक रूप से मुख्य अतिथि के नाम की घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, शिक्षा क्षेत्र के किसी प्रतिष्ठित व्यक्तित्व को आमंत्रित किया जाएगा। समारोह में स्थानीय जनप्रतिनिधि, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और पूर्व कुलपति भी शामिल हो सकते हैं।
पिछले साल की तुलना
पिछले वर्ष स्नातक में छात्रों की संख्या अधिक थी, जबकि इस बार छात्राएं बढ़त पर हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव सामाजिक परिवेश और बेटियों की शिक्षा के प्रति बढ़ते जागरूकता का परिणाम है।
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