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मार्केट में रक्षाबंधन के तैयारियां तेज हो गई हैं, इस दौरान महिलाएं दुकानों पर राखी की खरीदारी करती देखी जा सकतीं हैं |
निर्णय सागर पंचांग ने जारी किए राखी बांधने के सर्वोत्तम समय
आगरा। भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का पर्व रक्षाबंधन इस वर्ष शनिवार, 9 अगस्त 2025 को पूरे देश में श्रद्धा, उल्लास और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाएगा। निर्णय सागर पंचांग के अनुसार इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन भद्रा का कोई साया नहीं रहेगा, जिससे पूरा दिन राखी बांधने के लिए शुभ और मंगलकारी रहेगा।
कितने बजे होगा शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, संवत 2082 श्रावण शुक्ल पूर्णिमा तिथि 9 अगस्त को रहेगी। दिन में तीन प्रमुख समयावधियां राखी बांधने के लिए अत्यंत शुभ मानी गई हैं
- सुबह 07:50 बजे से 09:15 बजे तक
- दोपहर 12:25 बजे से 01:00 बजे तक
- दोपहर 02:30 बजे से शाम 05:30 बजे तक
इन समयावधियों का निर्धारण अभिजित, लाभ और अमृत चौघड़िया के आधार पर किया गया है। पंचांग के विशेषज्ञों ने बताया कि इन मुहूर्तों के दौरान भाई-बहन अपने पारंपरिक अनुष्ठान पूरे विश्वास और श्रद्धा के साथ कर सकते हैं।
पूरे दिन पर्व का उल्लास
निर्णय सागर पंचांग के अनुसार इस वर्ष रक्षाबंधन के दिन भद्रा का कालखंड नहीं है। भद्रा को अशुभ माना जाता है और इसके समय में रक्षा सूत्र बांधने की मनाही होती है। लेकिन इस बार 9 अगस्त को ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं होगा, जिससे पूरा दिन शुभ रहेगा और भाई-बहन सुबह से शाम तक पर्व मना सकेंगे।
नीमच पंचांग कार्यालय मध्य प्रदेश की ओर से कहा गया है कि यह संयोग पर्व की विशेषता को और बढ़ाता है, क्योंकि परिवार बिना समय की पाबंदी के एक साथ बैठकर अनुष्ठान और उत्सव का आनंद ले सकेंगे।
भाई-बहन के रिश्ते का पर्व
रक्षाबंधन का पर्व भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, जो भाई-बहन के प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के वचन का प्रतीक है। इस दिन बहनें भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनके सुख, समृद्धि और लंबी आयु की कामना करती हैं। बदले में भाई बहन की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं और उन्हें उपहार देते हैं।धार्मिक दृष्टि से, यह पर्व केवल भाई-बहन तक सीमित नहीं है, बल्कि सामाजिक समरसता और पारिवारिक संबंधों को भी मजबूत करता है।
पूरे दिन रहेगा त्योहार
निर्णय सागर पंचांग ने स्पष्ट किया है कि मुहूर्त की गणना स्थान और सूर्योदय के अनुसार थोड़ी भिन्न हो सकती है। इसलिए स्थानीय समयानुसार कुछ मिनट का अंतर आना स्वाभाविक है। साथ ही, उपरोक्त समयावधियां देशभर के अधिकांश क्षेत्रों में लागू होंगी। पंचांग ने यह भी बताया कि इस दिन पूर्णिमा तिथि प्रातः से आरंभ होकर रात तक रहेगी, जिससे पूरे दिन पर्व का महत्व अक्षुण्ण बना रहेगा।
धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
रक्षाबंधन श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो स्वयं में पवित्र और पूजनीय मानी जाती है। ज्योतिष के अनुसार श्रावण पूर्णिमा पर चंद्रमा कुंभ राशि और सूर्य सिंह राशि में रहते हैं, जो परिवार में सौहार्द और प्रेम बढ़ाने वाला संयोग बनाते हैं।
नीमच स्थित निर्णय सागर पंचांग, जो देशभर में अपनी सटीक पंचांग गणना और ज्योतिषीय परामर्श के लिए प्रसिद्ध है, ने इस अवसर पर लोगों से अपील की है कि वे शुभ मुहूर्त के अनुसार ही राखी बांधकर इस पर्व को और मंगलमय बनाएं। संस्था कस्टमाइज्ड हस्तलिखित कुंडली, वर-वधू गुण मिलान, शुभ विवाह मुहूर्त और ज्योतिष परामर्श जैसी सेवाएं भी उपलब्ध कराती है।
आस्था और परंपरा का संगम
रक्षाबंधन के अवसर पर मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। कई स्थानों पर तिरंगा थीम वाली राखियां भी तैयार की जा रही हैं, जिन्हें सैनिकों और पुलिस कर्मियों को बांधा जाएगा।पंचांग विशेषज्ञों का कहना है कि इस दिन किए गए धार्मिक कार्य, दान-पुण्य और व्रत-उपवास से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
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