-आगरा में हुई इंटर-डिपार्टमेंटल वर्कशॉप नकली और नशीली दवाओं पर हो सख्त कार्रवाई।
-पूर्व DGP केशव कुमार बोले केवल 2प्रतिशत आरोपियों के खिलाफ ही हो पाते हैं दोष सिद्ध।
आगरा। आगरा में जिला स्तरीय एनसीसीओआरडी कमेटी और नशामुक्ति रोकथाम समिति की बैठक एवं अंतर विभागीय कार्यशाला कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित हुई। बैठक में 15 से अधिक विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य नकली और नशीली दवाओं के सिंडिकेट को तोड़ना और संयुक्त कार्रवाई के माध्यम से प्रभावी रोक लगाना था। डीएमअरविंद मल्लप्पा बंगारी ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि SOP (Standard Operating Procedure) तैयार की जाए और विभागों के बीच समन्वय स्थापित हो।आगरा में हुई इंटर-डिपार्टमेंटल वर्कशॉप में विचार साझा करते पूर्व डीजीपी गुजरात और फोरेंसिक कंसल्टेंट केशव कुमार
सभी विभाग समन्वय बनाकर करें कार्रवाई- पूर्व डीजीपी
पूर्व डीजीपी गुजरात और फोरेंसिक कंसल्टेंट केशव कुमार ने बताया कि नकली और नशीली दवाओं के कारोबार में केवल 2 प्रतिशत आरोपियों के खिलाफ दोष सिद्धि होती है और रेजोल्व केस का प्रतिशत मात्र 5.9 प्रतिशत है। उन्होंने उदाहरण दिया कि एक्सपायर दवाओं और पैक्ड खाद्य पदार्थों की एक्सपायरी डेट को स्कैनर से बदल दिया जाता है। इसीलिए मौके पर वैज्ञानिक तरीके से साक्ष्य संकलन और विभिन्न विभागों द्वारा संयुक्त जांच बेहद जरूरी है।डीएम ने निर्देश दिए कि विभाग जैसे ड्रग विभाग, पुलिस, नगर निगम, जीएसटी, श्रम विभाग, आयकर, खाद्य और औषधि प्रशासन सभी मिलकर नकली और नशीली दवाओं के कारोबार पर समेकित और प्रभावी कार्रवाई करें।
पूरे देश में फैला है नकली दवाओं का कारोबार
उत्तर प्रदेश ही नहीं, पूरे भारत में नकली और नशीली दवाओं का कारोबार बढ़ा है। पुलिस विभाग द्वारा एनडीपीएस अपराधों और आबकारी विभाग द्वारा अवैध शराब तस्करी की समीक्षा की गई। नशा मुक्ति केंद्रों का विवरण तलब किया गया और उनके संचालन में मानक का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
चलाए जाएं ट्रेनिंग प्रोग्राम
डीएम ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। कॉलेजों और स्कूलों में मद्य निषेध और सिविल डिफेंस के संयुक्त जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होंगे। विभाग नियमित निगरानी और संयुक्त जांच करेंगे। डिजिटल ऑटोप्सी, ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम और भुगतान प्रक्रिया के पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया गया।डीएम ने स्पष्ट किया कि नकली और नशीली दवाओं के विरुद्ध समेकित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। SOP तैयार की जाए, जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाएं और टोल-फ्री नंबरों के माध्यम से जनता को सहयोग दिया जाए।
महत्वपूर्ण टोल-फ्री नंबर:अवैध मादक पदार्थ की सूचना के लिए 1933,
नशामुक्ति और काउंसलिंग हेतु 14446।
वकशॉप में ये रहे मौजूद
एआरटीओ प्रवर्तन आलोक अग्रवाल, ललित कुमार, आरएम रोडवेज बीपी अग्रवाल, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी राघवेन्द्र सिंह वर्मा, बीएसए जितेन्द्र कुमार गौड़, जिला आबकारी अधिकारी कृष्णपाल यादव, जीएसटी अधिकारी मृत्युंजय कुमार सिंह, सिविल डिफेंस संगीता त्रिपाठी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी संजीव वर्मा, एसीपी शमशाबाद ग्रिस कुमार, डीसीपी सिटी सोनम कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट वेद सिंह चौहान और एन्टीनारकोटिक्स विभाग एवं समस्त ड्रग इंस्पेक्टर।
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