Agra News: जमानत याचिका खारिज, धर्मांतरण केस में आरोपियों की मुश्किलें बढ़ीं

आगरा। थाना शाहगंज क्षेत्र के अंतर्गत कुछ दिन पहले पुलिस ने धर्मांतरण गैंग का खुलासा किया था। इस प्रकरण ने पूरे शहर में हलचल मचा दी थी। पुलिस ने करीब 80 परिवारों को धर्मांतरण कराने के आरोप में राजकुमार लालवानी समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

District Court Agra rejects bail of conversion case accused after strong opposition by advocates
धर्मांतरण केस में मजबूत पैरवी के लिए अधिवक्ताओं का मिठाई खिलाकर स्वागत किया गया

इस पूरे प्रकरण में वादी घनश्याम हेमलानी लगातार आरोपियों को सजा दिलाने के लिए मजबूत पैरवी कर रहे हैं। शुक्रवार 26 सितंबर को जिला एवं सत्र न्यायालय में आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। जिला न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद धर्मांतरण के आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।

वादी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हेमेंद्र शर्मा, प्रदीप पांडे एडवोकेट, अनिल शर्मा एडवोकेट और लोकेश शर्मा एडवोकेट ने अदालत में जोरदार तरीके से पैरवी की। इन अधिवक्ताओं ने कहा कि इस प्रकार के आरोपी समाज और धर्म दोनों के लिए अभिशाप हैं। अभी मामले की जांच जारी है, इसलिए अभियुक्तों का न्यायालय की अभिरक्षा में रहना अत्यंत आवश्यक है।


अदालत में जिला शासकीय अधिवक्ता अपराध राधा कृष्ण गुप्ता ने भी धर्मांतरण के आरोपियों की जमानत का विरोध किया। उन्होंने कहा कि पुलिस की केस डायरी और वादी की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य पर्याप्त हैं। इस आधार पर न्यायालय को जमानत याचिका खारिज करनी चाहिए।

वरिष्ठ अधिवक्ताओं की मजबूत बहस और ठोस दलीलों के बाद अदालत ने धर्मांतरण के मुख्य आरोपी जय कुमार मोटवानी, नीतू मोटवानी, कमल कुंडलानी, अनूप कुमार, महिला आरोपी मीनू और अन्य आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि इस प्रकार के गंभीर अपराध में लिप्त अभियुक्तों को अभी किसी भी स्थिति में रिहा नहीं किया जा सकता।

वरिष्ठ अधिवक्ता हेमेंद्र शर्मा ने सुनवाई के बाद कहा कि धर्मांतरण के आरोपी न केवल समाज के गुनहगार हैं बल्कि धर्म के भी गुनहगार हैं। ऐसे लोगों को समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है। सनातन धर्म को आघात पहुंचाने का प्रयास करने वाले तत्वों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

इस अवसर पर जिला शासकीय अधिवक्ता अपराध राधा कृष्ण गुप्ता ने कहा कि पुलिस ने पूरे मामले में ठोस सबूत पेश किए हैं। वादी द्वारा दिए गए साक्ष्य भी जांच को मजबूती देते हैं। इसी आधार पर अदालत में जोरदार विरोध किया गया और जमानत याचिका को खारिज कराया गया।

वादी घनश्याम हेमलानी ने अदालत के फैसले के बाद कहा कि यह धर्म और समाज की जीत है। उन्होंने कहा कि अभी पुलिस की जांच चल रही है और ऐसे में अभियुक्तों का न्यायालय की अभिरक्षा से बाहर आना उचित नहीं होता। आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने के लिए उच्च न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक मजबूत पैरवी की जाएगी। किसी भी कीमत पर सनातन धर्म को कमजोर करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

जमानत याचिका खारिज होने के बाद अधिवक्ताओं के चेंबर में विशेष माहौल देखने को मिला। वादी घनश्याम हेमलानी और सहयोगी सुनील करमचंदानी अधिवक्ता हेमंत शर्मा के चेंबर पहुंचे। यहां पर उन्होंने न्यायालय में मजबूत बहस करने वाले अधिवक्ताओं का फूल मालाएं पहनाकर स्वागत किया।

इस मौके पर अधिवक्ताओं के चेंबर में भारत माता की जय, सनातन धर्म की जय और जय श्री राम के उद्घोष गूंजे। माहौल पूरी तरह से उत्साह और आस्था से भरा हुआ था। अधिवक्ताओं को मिठाई खिलाकर सम्मानित किया गया।

वादी घनश्याम हेमलानी और सुनील करमचंदानी ने कहा कि यह केवल अदालत की कार्यवाही नहीं बल्कि धर्म की रक्षा की लड़ाई है। समाज और धर्म की रक्षा करने वाले अधिवक्ताओं का योगदान अविस्मरणीय है।

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Avdhesh Bhardwaj, Senior Journalist with 22+ years of experience, has worked with Dainik Jagran, iNext, The Sea Express and other reputed media houses. He has reported on politics, administration, crime , defense, civic issues, and development projects. Known for his investigative journalism and sting operations, he is now contributing to Today NewsTrack as a leading voice in digital media.”

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