डॉ. नरेन्द्र मल्होत्रा को स्व. डॉ. वेद भारद्वाज सम्मान
डॉ. नरेन्द्र मल्होत्रा को प्रथम डॉ. वेद भारद्वाज सम्मान से सम्मानित करते आयोजक
आगरा। अन्तर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक, जालमा के पूर्व निदेशक एवं लैप्रोसी पेशेन्ट्स वेलफेयर सोसाइटी के पूर्व सचिव स्व. डॉ. वेद भारद्वाज की प्रथम पुण्यतिथि के अवसर पर विज्ञान व्याख्यान माला का आयोजन सेठ पदम चंद जैन प्रबन्धन संस्थान, खंदारी, आगरा में किया गया। इस अवसर पर चिकित्सा जगत के कई वरिष्ठ विशेषज्ञ, समाजसेवी और विशिष्टजन उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि के रूप में एस.एन. मेडिकल कॉलेज, आगरा के बाल रोग विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश्वर दयाल शामिल हुए, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ क्षय रोग विशेषज्ञ एवं पूर्व प्राचार्य एस.एन. मेडिकल कॉलेज, आगरा डॉ. ए.एस. सचान ने की।
कार्यक्रम का शुभारम्भ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और स्व. डॉ. वेद भारद्वाज के चित्रों पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुआ। इस अवसर पर सोसाइटी का परिचय प्रस्तुत करते हुए गरिमा भारद्वाज ने बताया कि यह सोसाइटी वर्ष 1977 से कुष्ठ रोगियों की सेवा में कार्यरत है। सोसाइटी के पूर्व सचिव स्व. डॉ. वेद भारद्वाज ने कुष्ठ रोगियों की तन-मन-धन से सेवा कर अपने जीवन को समर्पित कर दिया।
इस अवसर पर चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए शहर के प्रतिष्ठित चिकित्सक और रेनबो हॉस्पिटल के संस्थापक एवं स्वामी डॉ. नरेन्द्र मल्होत्रा को प्रथम डॉ. वेद भारद्वाज सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया। सम्मान ग्रहण करने के बाद डॉ. मल्होत्रा ने कहा कि वे इस सम्मान को पाकर अत्यंत उत्साहित और गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। वह लंबे समय से सोसाइटी से जुड़े हैं और भविष्य में भी डॉ. वेद भारद्वाज के सपनों को साकार करने के लिए प्रयासरत रहेंगे।
मुख्य अतिथि डॉ. राजेश्वर दयाल ने अपने विचार रखते हुए कहा कि डॉ. वेद भारद्वाज कर्मक्षेत्र में विश्वास करते थे और बच्चों की लैप्रोसी पर विशेष ध्यान देते थे। मैंने उनके साथ मिलकर इस क्षेत्र में कार्य किया और कई शोध पत्र भी उनके साथ मिलकर देश-विदेश में प्रकाशित किए।
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए डॉ. ए.एस. सचान ने कहा कि आज का दिन डॉ. वेद भारद्वाज की स्मृतियों और उनके योगदान को समर्पित है। मेरा उनसे चालीस वर्षों का संबंध रहा है और मैं उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ।
डॉ. डी.वी. शर्मा ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से डॉ. वेद भारद्वाज का ऋणी हूँ। उन्होंने अपने वैज्ञानिक दृष्टिकोण और निस्वार्थ सेवा से कुष्ठ रोगियों की ऐसी सेवा की, जिससे वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से भी आगे निकल गए।
डॉ. राजकमल ने संस्था की गतिविधियों को जालमा से जुड़ा हुआ बताया और कहा कि यह संस्था समाज के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है।
कार्यक्रम में श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शशिकांत शर्मा ने कहा कि डॉ. वेद भारद्वाज ने कुष्ठ रोगियों की निस्वार्थ सेवा कर उन्हें सम्मानजनक जीवन दिया। उनका जिंदादिल व्यक्तित्व हमेशा स्मरण रहेगा।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में चिकित्सक और गणमान्य नागरिक मौजूद रहे, जिनमें अनिल शर्मा, डॉ. नीतू चौधरी, जी.एस. मनराल, अजय कुमार कर्दम, मनीष सुराना, डॉ. राजेन्द्र मिलन, डॉ. भानु प्रताप सिंह, महेश शर्मा, डॉ. रोहित आनन्द, महेश धाकड़, शरद गुप्त, संजय गुप्त, विजया तिवारी, शैलजा अग्रवाल, किरन शर्मा, मंजरी टंडन, अंजू दलयानी, मनिन्दर कौर, उपलब्धि भारद्वाज, रमेश पंडित, असलम सलीमी, श्री कृष्ण, हरीश चिमटी, रमाकान्त सारस्वत, दीपक प्रहलाद आदि शामिल रहे।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. मधु भारद्वाज ने किया और धन्यवाद ज्ञापन संकल्प भारद्वाज द्वारा प्रस्तुत किया गया। पूरा कार्यक्रम श्रद्धा, सम्मान और प्रेरणा का प्रतीक बन गया।
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