Agra Ramleela 2025:जगत जननी मां जानकी धरा से अवतरित, जनकपुरी में गूंजे बधाई गीत

जनकनाथ करहल चलावा। तुरत भूमि तनय धरावा॥

हल की नोक चुभी इक ठाई। उपजी कन्या रूप ललाई॥

जनक देखी बालक सोहाई। हरष न हृदय समाति समाई॥

आदिकाल तेँ प्राकट भइ सीता। जानकी नाम भवानी प्रसीता॥

आगरा।रामलीला मैदान मिथिला नगरी में तब्दील है। चारों ओर उल्लास और उत्सव का वातावरण बना हुआ है। जनक मंच भव्य सजावट से दमक रहा है। आज की लीला में जगत जननी मां जानकी का धरा पर अवतरण दिखाया गया। पूरा नगर जानकी जन्मोत्सव में झूम उठा।

Stage depicting birth of Goddess Sita during Janaki Jayanti at Agra Ramleela ground

कार्यक्रम में महाराज जनक का पात्र राजेश अग्रवाल ने निभाया और महारानी सुनयना का अभिनय अंजू अग्रवाल ने किया। परंपरा के अनुसार हल चलाया गया। हल के घड़े से टकराने के साथ ही मां जानकी का अवतरण पृथ्वी पर दिखाया गया। इस दृश्य के मंचन के साथ ही पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा।

जानकी के जन्म के बाद महाराज जनक और महारानी सुनयना ने प्रसन्नता व्यक्त की। पूरे मिथिला नगर में बधाई गीत गाए जाने लगे। रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों ने भी उत्सव की बधाई दी। मंच पर मौजूद महिलाओं ने नृत्य प्रस्तुत किया और बधाई गीत गाए। पंडाल में दर्शक भी उल्लास में डूबे दिखे।

जानकी जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में रामलीला मैदान में विशेष आयोजन हुए। राजा जनक और महारानी सुनयना द्वारा बच्चों और दर्शकों में खिलौने, मिठाई, फल, मेवा, चॉकलेट और टॉफियां वितरित की गईं। इस वितरण से माहौल और भी आनंदमय हो गया।

इसके बाद की लीला में दिखाया गया कि मुनि विश्वामित्र अपने यज्ञ की रक्षा के लिए महाराज दशरथ से राम और लक्ष्मण को मांगते हैं। दशरथ उन्हें अपने पुत्र सौंपते हैं। इसके बाद का मंचन राम द्वारा राक्षसी ताड़का के वध का रहा। यह दृश्य दर्शकों के लिए रोमांचकारी साबित हुआ।

आज की लीला का मुख्य आकर्षण जगत जननी जानकी बनीं कुंवर सिया रहीं। मंच पर जनक परिवार के साथ उनके परिवारीजन पलक, अनुराज, पूरव, मलायका, विनीता, ममता, रीता, संगीता, विनोद, संजीव, ऋषि, वीरेंद्र और अविक उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में जनकपुरी अध्यक्ष मुरारी प्रसाद अग्रवाल, उनकी पत्नी मीरा अग्रवाल, कोषाध्यक्ष रामरतन मित्तल, भरत महाजन, राजा नागरानी सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे। सभी ने मंचन को सफल बनाने में योगदान दिया।

रामलीला मैदान की आज की लीला में विधायक पुरुषोत्तम खंडेलवाल, महामंत्री राजीव अग्रवाल, तारा चंद, भगवान दास बंसल, विष्णु दयाल बंसल, टी.एन. अग्रवाल, विजय प्रकाश गोयल, मनोज अग्रवाल (पोली भाई), प्रवीन गर्ग और संजय तिवारी मौजूद रहे।

कमेटी के मीडिया प्रभारी राहुल गौतम ने बताया कि 14 सितम्बर को शाम 5 बजे से ला. चन्नोमल जी की बारहदरी से भव्य झांकियां नगर परिक्रमा करते हुए रामलीला मैदान पहुंचेंगी। इन झांकियों में मुनि विश्वामित्र के साथ राम, लक्ष्मण और सीता अपनी सखियों सहित शामिल होंगी।

शाम 7 बजे से रामलीला मैदान में अहिल्या उद्धार और पुष्प वाटिका की लीला का मंचन होगा। इन प्रसंगों को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु और दर्शक मैदान में एकत्र होंगे।

रामलीला समिति का कहना है कि इस बार की जनकपुरी रामलीला में परंपराओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। मंचन को भव्य बनाने के लिए कलाकारों और तकनीकी टीम ने विशेष तैयारियां की हैं।पंडाल में सजावट और व्यवस्थाएं देखने लायक रहीं। जगह-जगह रंगीन झालरों, झूमरों और रोशनी से वातावरण मनमोहक बन गया। महिलाओं और बच्चों ने पारंपरिक वेशभूषा में भागीदारी कर लीला को और आकर्षक बना दिया।

दर्शकों का उत्साह देखते ही बनता था। बच्चों में जानकी जन्मोत्सव को लेकर विशेष उमंग थी। मिठाई और खिलौनों का वितरण होते ही मैदान में खुशी की लहर दौड़ गई।

आयोजकों के अनुसार आने वाले दिनों में रामलीला के अन्य प्रमुख प्रसंगों का मंचन किया जाएगा, जिसमें राम-सीता मिलन, धनुष यज्ञ, सीता स्वयंवर, वनगमन, सुवर्ण मृग, सीता हरण और अंत में लंका विजय जैसे महत्वपूर्ण दृश्य शामिल होंगे।

जनकपुरी की इस परंपरा को देखने न सिर्फ स्थानीय लोग बल्कि आसपास के जिलों और प्रदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं। मंचन में आधुनिक तकनीक और पारंपरिक शैली का संगम दर्शकों को विशेष अनुभव प्रदान करता है।

रामलीला मैदान में सुरक्षा और व्यवस्था की दृष्टि से भी इंतजाम किए गए हैं। समिति ने बताया कि दर्शकों के बैठने और बच्चों के खेलने के लिए अलग-अलग सेक्शन बनाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से मेडिकल टीम भी मौके पर मौजूद रही।कल की झांकियों और आज की लीला के बाद अब सभी को आगामी प्रसंगों का इंतजार है। विशेष रूप से अहिल्या उद्धार और पुष्प वाटिका की लीला को लेकर उत्साह चरम पर है।

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