Agra railway News:2047 के भारत का विज़न और एआई की चुनौतियाँ छोटे बच्चों के बड़े विचार

आगरा। महिला कल्याण संगठन द्वारा कर्मचारियों के बच्चों के लिए ‘ऑन-द-स्पॉट’ निबंध प्रतियोगिता का आयोजन रविवार  को अधिकारी क्लब आगरा में किया गया। इस आयोजन की अध्यक्षता संगठन की अध्यक्षा इशानी गोयल ने की। प्रतियोगिता भारतीय रेल के स्तर पर एक साथ एवं एक ही दिन आयोजित हुई, जिससे इसका महत्व और भी बढ़ गया।

: Children participating in on-the-spot essay competition organized by Mahila Kalyan Sangathan in Agra

प्रतियोगिता को बच्चों की आयु के आधार पर तीन समूहों में विभाजित किया गया था। पहला समूह 6 से 9 वर्ष की आयु वाले बच्चों का रहा, दूसरा समूह 10 से 12 वर्ष और तीसरा समूह 13 से 15 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों का। प्रत्येक समूह के लिए अलग-अलग थीम निर्धारित की गई थी, जिससे बच्चों की सोच और कल्पनाशक्ति को विभिन्न दृष्टिकोणों से परखने का अवसर मिला।

ग्रुप-1 के बच्चों को ‘मेरी पसंदीदा डिश’ और ‘मेरे दादा-दादी के घर पर एक मजेदार दिन’ जैसे विषय दिए गए थे। इन विषयों पर छोटे बच्चों ने अपनी कल्पनाओं को रंगीन शब्दों में ढाला और बचपन की मासूमियत से भरे विचार सामने रखे। किसी ने अपनी पसंदीदा डिश को घर के माहौल से जोड़ा तो किसी ने दादा-दादी के साथ बिताए पलों को कागज़ पर उतारा।

Winners of essay competition receiving trophies and gifts in Agra

ग्रुप-2 के बच्चों को ‘मैं अपना रविवार कैसे बिताता/बिताती हूं’ और ‘मेरा पसंदीदा भारतीय त्योहार’ विषय पर लिखने का मौका मिला। इस समूह के बच्चों ने अपनी दिनचर्या, खेलकूद, पढ़ाई और परिवार संग बिताए खास पलों को शब्दों में पिरोया। वहीं त्योहारों पर लिखते हुए बच्चों ने भारतीय संस्कृति की विविधता और परंपराओं की झलक भी पेश की।

ग्रुप-3 के बच्चों को ‘क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भविष्य के लिए खतरा बनेगा या लाभदायक होगा?’ और ‘2047 के भारत के बारे में मेरा दृष्टिकोण’ जैसे गंभीर और विचारोत्तेजक विषय दिए गए। इस समूह के प्रतिभागियों ने तकनीकी विकास, बदलती दुनिया और भविष्य के भारत को लेकर अपनी गहरी समझ को शब्दों के जरिए व्यक्त किया। बच्चों ने यह भी बताया कि किस तरह एआई हमारे जीवन को बदल रहा है और आने वाले समय में यह समाज के लिए लाभ और हानि दोनों रूपों में असर डाल सकता है। वहीं 2047 का भारत कैसा होगा, इस पर लिखते हुए उन्होंने आधुनिक, सशक्त, आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र की तस्वीर खींची।

तीनों समूहों में कुल 40 बच्चों ने हिस्सा लिया। बच्चों के चेहरे पर प्रतियोगिता को लेकर उत्साह साफ झलक रहा था। उन्होंने अपनी कलाकृतियों और लेखन शैली के माध्यम से न केवल अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया बल्कि यह भी साबित किया कि आने वाली पीढ़ी में कल्पनाशक्ति और मौलिक सोच की कोई कमी नहीं है।कार्यक्रम के दौरान संगठन की सचिव माधुरी सिंह, ज्वाइंट सेक्रेटरी रीना बघेला और अन्य सदस्य मोनिका सिंह, अपूर्वा यादव, स्नेहा कुमारी और रेनू प्रसाद मौजूद रहीं। इन सभी ने बच्चों का उत्साहवर्धन किया और आयोजन को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई।

प्रतियोगिता का समापन पुरस्कार वितरण के साथ हुआ। इसमें भाग लेने वाले सभी बच्चों को सम्मानित किया गया। उपहार और ट्रॉफी पाकर बच्चों के चेहरे खुशी से दमक उठे। इस दौरान मंच पर मौजूद सभी पदाधिकारियों ने बच्चों की रचनात्मकता और मेहनत की सराहना की और उन्हें आगे भी इसी तरह अपने हुनर को निखारने की प्रेरणा दी।इस प्रतियोगिता ने न केवल बच्चों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर दिया, बल्कि अभिभावकों और आयोजकों को भी यह विश्वास दिलाया कि नई पीढ़ी भारतीय संस्कृति, परंपरा और आधुनिकता के बीच एक संतुलन बनाते हुए आगे बढ़ रही है। अधिकारी क्लब का माहौल पूरे दिन बच्चों की हंसी, उत्साह और रचनात्मक विचारों से गूंजता रहा।

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