पितृ पक्ष पर श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ, भव्य कलश यात्रा में उमड़ा भक्तिरस
आगरा। पितृ पक्ष का पुण्यकाल चल रहा है और इस अवसर पर श्रद्धा, भक्ति और धर्म का अद्भुत संगम आगरा में देखने को मिल रहा है। क्षेत्र में नार्थ ईदगाह कॉलोनी पुलिस लाइन स्थित हनुमान मंदिर से शुक्रवार को एक भव्य कलश यात्रा निकाली गई, जिसके माध्यम से सभी भक्तों को श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के लिए आमंत्रण दिया गया।
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कलश यात्रा में शामिल उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय |
20 सितम्बर तक चलेगी कथा
यह कथा आगामी 14 सितम्बर से 20 तक ठाकुर श्री ब्रज किशोर जी महाराज चौराहा धाकरान पर आयोजित की जाएगी। इस भव्य यात्रा की शुरुआत विधिवत पूजा-अर्चना और मंगलाचरण के साथ हुई। सैकड़ों महिलाएं सिर पर कलश धारण कर भक्ति भाव से यात्रा में शामिल हुईं। कुल 51 कलशों को सजाकर यात्रा निकाली गई, जो श्रद्धा और आस्था का अद्भुत उदाहरण बनी। यात्रा के दौरान ढोल-नगाड़ों की गूंज, भजन-कीर्तन और ‘जय श्रीराम’ के गगनभेदी जयघोष ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
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कलश यात्रा निकालते आयोजक |
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंंत्री रहे मौजूद
कलश यात्रा में उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, मा. योगेंद्र उपाध्याय मुख्य रूप से उपस्थित रहे। उनके साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों और गणमान्य लोगों की भी बड़ी संख्या में भागीदारी रही। इस यात्रा में कथा वाचक के रूप में पधारे रामस्नेही पंथ के संत अजब राम जी महाराज पुष्कर, राजस्थान से विशेष रूप से उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति ने पूरे कार्यक्रम की आध्यात्मिक गरिमा को और ऊँचाई प्रदान की। महिलाओं की लंबी कतार जब सिर पर कलश लेकर चली तो भक्तों ने जगह-जगह पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया। यात्रा का प्रत्येक क्षण भक्ति और श्रद्धा की गंगा में स्नान कराने वाला था।
आयोजन समिति ने बताया कि श्रीमद्भागवत महापुराण कथा सात दिनों तक चलेगी और इसमें सभी अध्यायों का रसपान कराया जाएगा। कथा संयोजक अजय सिंह ने कहा कि पितृ पक्ष में भागवत कथा का विशेष महत्व है। इस काल में किया गया हर शुभ कर्म, हर दान, हर धार्मिक आयोजन सीधे पितरों तक पहुंचता है और उनकी आत्माओं को शांति प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि सातों दिनों तक भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं, भक्ति मार्ग की महत्ता और धर्म के गूढ़ सिद्धांतों पर आधारित कथा सुनाई जाएगी। श्रद्धालु प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक कथा श्रवण कर सकेंगे।
ये रहे मौजूद
आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाने वालों में राजवीर सिंह धाकड़, धर्मेन्द्र धाकड़, कथा प्रभारी शशीभूषण, विक्रम चौधरी, योगेंद्र चौधरी, नन्दलाल और भोजराज चौधरी शामिल हैं। इन सभी ने बताया कि भक्तों की सुविधा के लिए कथा स्थल पर बैठने की उत्तम व्यवस्था की गई है। पानी, प्रसाद वितरण और शांति-व्यवस्था की संपूर्ण जिम्मेदारी भी समिति ने संभाली है। क्षेत्र के लोग और समाजसेवी भी इस आयोजन को सफल बनाने में जुटे हुए हैं।
पितृ पक्ष का समय भारतीय संस्कृति और परंपरा में अत्यंत पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि इस काल में भागवत कथा श्रवण करने से न केवल पितरों की आत्माओं को मोक्ष की प्राप्ति होती है बल्कि जीवित व्यक्ति के जीवन में भी सुख, शांति और समृद्धि आती है। श्रीमद्भागवत महापुराण को धर्म, भक्ति और ज्ञान का सार कहा जाता है। इसमें भगवान श्रीकृष्ण के बाल्यकाल की लीलाओं से लेकर उनके उपदेशों तक का विस्तृत वर्णन है। कथा सुनने से मनुष्य को जीवन जीने की दिशा मिलती है, उसका मन पवित्र होता है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
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