आगरा। ताज नगरी में शनिवार को एक ऐतिहासिक पल देखने को मिला। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री तथा प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर भव्य महा नाट्य ‘जाणता राजा’ का शुभारंभ किया।
मंच से संबोधित करते हुए मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज का डिजिटल म्यूजियम मार्च 2026 तक तैयार हो जाएगा। इस परियोजना पर लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें अत्याधुनिक तकनीक और भव्य दर्शक दीर्घा का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह स्मारक न केवल देश के पर्यटकों को बल्कि पूरी दुनिया के सनातन संस्कृति प्रेमियों को आकर्षित करेगा।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि शिवाजी महाराज को 1666 में आगरा में औरंगजेब ने धोखे से कैद किया था। इसी स्मृति को अमर बनाने के लिए यह म्यूजियम बन रहा है। इसके लिए आगरा कलेक्टर को 9.46 करोड़ रुपये की टोकन मनी भी भेज दी गई है।
कार्यक्रम में दिव्य प्रेम सेवा मिशन के संस्थापक डॉ. आशीष गौतम के प्रेरणादायी उद्बोधन का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि शिवाजी महाराज के जीवन से यह संदेश मिलता है कि राष्ट्र का संचालन नीति, साहस और त्याग से होता है।
जयवीर सिंह ने आगे कहा कि आगरा के लिए अब तक 55 पर्यटन योजनाओं पर 512 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इनमें कैलाश मंदिर के विकास पर 20 करोड़, सहवागत योजना की 16 परियोजनाओं पर 61.6 करोड़ और बटेश्वर में 101 शिव मंदिरों के विकास पर 191 करोड़ रुपये शामिल हैं। उन्होंने गर्व जताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश 2022 से पर्यटकों की संख्या के मामले में देश में नंबर वन बना है।
इस अवसर पर मंच से पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अपनी भावनाएँ साझा कीं। उन्होंने कहा कि उन्हें ‘जाणता राजा’ नाटक कई बार देखने का अवसर मिला है और यह न केवल एक मंचन बल्कि संस्कार यात्रा है। कोविंद ने कहा, “शिवाजी महाराज ऐसे शासक थे जो जनता की भावना, आवश्यकता और पीड़ा को समझते थे। वे जानते थे कि सच्चा शासन तलवार की धार से नहीं, बल्कि नीति और न्याय से चलता है।
कोविंद ने रायगढ़ किले का उल्लेख करते हुए कहा कि शिवाजी महाराज की दूरदर्शिता और सुव्यवस्थित नगरीय योजना आज भी प्रेरणा देती है। उन्होंने उपस्थित जनों से आह्वान किया कि शिवाजी महाराज के आदर्शों को जीवन में उतारकर हम ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य को साकार करें।
पूर्व राष्ट्रपति ने दिव्य प्रेम सेवा मिशन की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था समाज में सेवा और संस्कार का अद्भुत उदाहरण है। उन्होंने लोगों से राष्ट्र निर्माण में अपनी ऊर्जा और प्रतिभा का एक हिस्सा समर्पित करने की अपील की।
मंच पर महामंडलेश्वर स्वामी उमाकांतानंद सरस्वती, प्रो. डीपी सिंह, अपर महाधिवक्ता महेश चतुर्वेदी, स्वागत समिति अध्यक्ष राकेश गर्ग, आयोजन समिति अध्यक्ष चौधरी संजय महेश्वरी, कार्यकारी अध्यक्ष संजय चतुर्वेदी सहित बड़ी संख्या में शिवाजी महाराज के अनुयायी, सनातन संस्कृति प्रेमी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
समापन में मंत्री जयवीर सिंह ने ‘भारत माता की जय, जय श्रीराम, हर-हर महादेव’ के उद्घोष के साथ सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। मंच पर देशभक्ति और उत्साह का अद्भुत वातावरण देखने को मिला।