आगरा। राज्य महिला आयोग अध्यक्ष बबीता सिंह चौहान ने सोमवार को सर्किट हाउस में महिला उत्पीड़न से संबंधित जन सुनवाई की और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए।सर्किट हाउस में जनसुनवाई करतीं उ.प्र. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान
उन्होंने कहा कि योगी सरकार महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है। जन सुनवाई में एक भी प्रकरण सड़कों या सार्वजनिक स्थानों पर बदतमीजी या छेड़छाड़ का नहीं था, सभी शिकायतें घरेलू हिंसा और पारिवारिक उत्पीड़न से जुड़ी रहीं।
बबीता सिंह चौहान ने कहा कि योगी सरकार में किसी अपराधी की हिम्मत नहीं कि वह महिलाओं या बेटियों की तरफ आंख उठाकर देख सके। सभी बेटियां सुरक्षित हैं। अगर किसी ने बेटियों की ओर नजर उठाई तो वह बचेगा नहीं। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देश दिए कि आगामी त्योहारों को देखते हुए बाजारों में गश्त और चौकसी बढ़ाई जाए। साथ ही उन्होंने महिलाओं से अपील की कि किसी भी विपरीत स्थिति में तुरंत यूनिवर्सल इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल करें, तत्काल सहायता मिलेगी।
जन सुनवाई के दौरान घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न और पारिवारिक विवाद से जुड़ी 53 शिकायतें प्राप्त हुईं। कई मामलों में बबीता सिंह चौहान ने संबंधित थाना प्रभारियों और अधिकारियों से मौके पर ही बात की और निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने फरियादी महिलाओं का हौसला बढ़ाया, कई माताओं और बच्चों से आत्मीय संवाद किया और छोटे बच्चों को टॉफी व चॉकलेट दी।
समीक्षा बैठक में बताया गया कि पिछली जन सुनवाई में मिली 66 शिकायतों में से 65 का निस्तारण किया जा चुका है, केवल एक मामला लंबित है। अध्यक्ष ने गुणवत्तापूर्ण निस्तारण पर पुलिस विभाग की सराहना की। कौशल विकास मिशन की समीक्षा में बताया गया कि जनपद में 190 महिलाओं को विभिन्न सेक्टरों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिनमें 57 महिलाएं आवासीय प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रचार-प्रसार और जागरूकता कार्यक्रम बढ़ाकर अधिक महिलाओं को प्रशिक्षण और उद्यमशीलता से जोड़ा जाए।
जिला कार्यक्रम अधिकारी और पंचायतीराज विभाग द्वारा रिपोर्ट न देने पर उन्होंने कड़ी फटकार लगाई। रानी लक्ष्मीबाई महिला एवं बाल सम्मान कोष की समीक्षा में पाया गया कि 1188 आवेदनों में से 188 लंबित हैं। उन्होंने सभी लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए।
जन सुनवाई में मोना निवासी कुम्हारपाड़ा आगरा ने बताया कि वैष्णोदेवी हादसे में बेटी की मौत और खुद के पैर गंवाने के बाद पति ने उसे मुआवजा राशि से वंचित कर घर से निकाल दिया। इस पर अध्यक्ष ने संबंधित थाने से बात कर तत्काल कार्रवाई और मुआवजा दिलाने के निर्देश दिए। एक अन्य प्रकरण में सोनी निवासी थाना दक्षिण, फिरोजाबाद ने शिकायत की कि उसका पति विवाहित होते हुए भी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में दूसरी शादी कर चुका है। इस पर अध्यक्ष ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।
बैठक में सिटी मजिस्ट्रेट वेद सिंह चौहान, एसीपी शमसाबाद व प्रभारी महिला अमीषा, डीपीओ अतुल सोनी, जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज मौर्या, एसीएमओ सुरेंद्र मोहन प्रजापति, एडीपीआरओ संदीप वर्मा, जिला प्रबंधक कौशल विकास अमित धाकरे सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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