आगरा। 10 नवंबर 2025। कर करेत्तर कार्यों, राजस्व वसूली और वसूली प्रमाणपत्रों की मण्डलीय समीक्षा बैठक सोमवार को मण्डलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक में आगरा मण्डल के चारों जिलों आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी की प्रगति का विस्तार से मूल्यांकन किया गया। मण्डलायुक्त ने कई विभागों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुए वसूली बढ़ाने और राजस्व वादों के निस्तारण में तेजी लाने के निर्देश दिए।
वाणिज्य कर विभाग की समीक्षा में मैनपुरी और फिरोजाबाद की प्रगति को लेकर सुधार के निर्देश दिए गए, जबकि मथुरा में लक्ष्य के अनुरूप धनराशि की वसूली सुनिश्चित करने को कहा गया। स्टाम्प और रजिस्ट्रेशन विभाग में फिरोजाबाद और मैनपुरी की कम वसूली पर भी प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए गए। परिवहन मद में फिरोजाबाद की वसूली को लेकर विशेष सुधार करने के निर्देश मिले। वहीं खनिज विभाग में मैनपुरी की प्रगति सराहनीय पाई गई, लेकिन फिरोजाबाद और मथुरा में सुधार की जरूरत बताई गई। ओवरऑल क्रमिक वसूली में आगरा की प्रगति कमजोर रही जबकि मथुरा और मैनपुरी की स्थिति संतोषजनक रही।
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में मथुरा जिले में लंबित 109 प्रकरणों का त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिए गए। अंश निर्धारण में फिरोजाबाद की प्रगति संतोषजनक रही, लेकिन मथुरा और मैनपुरी में सुधार की आवश्यकता जताई गई। त्रुटि सुधार से संबंधित लंबित प्रार्थना पत्रों के शीघ्र निस्तारण और सही प्रविष्टि सुनिश्चित करने को कहा गया।
राजस्व वादों के निस्तारण पर हुई समीक्षा में सामने आया कि मैनपुरी प्रदेश में तीसरे, आगरा नौवें, मथुरा पच्चीसवें और फिरोजाबाद छब्बीसवें स्थान पर है। मण्डलायुक्त ने निर्देश दिए कि सभी राजस्व न्यायालयों में अधिक से अधिक सुनवाई की जाए और पांच वर्ष से अधिक पुराने वादों का जल्द निस्तारण हो। आगरा और फिरोजाबाद में धारा 24 के वादों के निस्तारण में तेजी लाने को कहा गया।
धारा 33 में समयावधि के भीतर गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करने पर बल दिया गया। लापरवाही या अनावश्यक रिपोर्ट लगाने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की चेतावनी दी गई। धारा 34, 38(2), 67, 101 और 116 के अंतर्गत लंबित वादों के शीघ्र निस्तारण का निर्देश दिया गया ताकि मण्डल की रैंकिंग में सुधार हो सके।
मण्डलायुक्त ने उपजिलाधिकारी, तहसीलदार और नायब तहसीलदार को नियमित सुनवाई करने का निर्देश दिया। प्रत्येक अधिकारी को प्रतिमाह कम से कम 100 वादों का निस्तारण करने का लक्ष्य दिया गया। कम्प्यूटरकृत प्रबंधन प्रणाली पोर्टल पर वादों की प्रविष्टि लंबित रहने पर बाह, जसराना, सिरसागंज, खेरागढ़ और टूंडला के अधिकारियों को फटकार लगाई गई। साथ ही अपर आयुक्त न्यायालय से संबंधित पत्रावलियां समय से न भेजने पर भी नाराजगी व्यक्त की गई।
विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान की समीक्षा में मण्डलायुक्त ने सभी बीएलओ को जिम्मेदारी से कार्य करने के निर्देश दिए। सुपरवाइजरों को फीडबैक लेते रहने और बीएलओ को नियमित मार्गदर्शन देने को कहा गया। एसआईआर कार्य की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए तहसील स्तर पर समर्पित टीमों के गठन का आदेश दिया गया ताकि किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो।
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