दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम उस वक्त दहशत फैल गई जब एक चलती कार में जोरदार धमाका हो गया। इस हादसे में दो महिलाओं समेत नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि 24 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। धमाका इतना भयानक था कि इसकी आवाज एक किलोमीटर दूर तक सुनाई दी और आसपास खड़ी कई गाड़ियां जलकर राख हो गईं। जांच एजेंसियां इस घटना को आतंकी साजिश से जोड़कर देख रही हैं।
नई दिल्ली। सोमवार शाम करीब 6 बजकर 52 मिनट पर लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास एक सफेद आई-20 कार में जबरदस्त विस्फोट हुआ। धमाके की आवाज से पूरा इलाका दहल उठा और मौके पर भगदड़ मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, धमाके के बाद आग की लपटें कई फीट ऊंचाई तक उठीं और आसपास खड़ी छह कारें, दो ई-रिक्शा और एक ऑटो भी आग की चपेट में आ गए।
पुलिस और दमकल की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। घायल लोगों को एलएनजेपी और लोकनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। मृतकों की उम्र 21 से 58 वर्ष के बीच है। अब तक दो शवों की पहचान हो सकी है जबकि बाकी शव इतने बुरी तरह जले हुए हैं कि पहचान मुश्किल हो रही है।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, धमाके से ठीक पहले का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है जिसमें वही सफेद आई-20 कार पार्किंग से निकलती दिख रही है। पुलिस को शक है कि कार में आतंकी डॉक्टर मोहम्मद उमर सवार था, जो हरियाणा के फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़ा बताया जा रहा है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद से लखनऊ तक चले अभियान में करीब 2900 किलो विस्फोटक (संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट) जब्त किया था। इस कार्रवाई में डॉक्टर मुजम्मिल शकील को फरीदाबाद से और महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि डॉक्टर उमर धमाके से पहले करीब ढाई से तीन घंटे तक कार में बैठा रहा और एक पल के लिए भी बाहर नहीं निकला। पुलिस को शक है कि वह किसी निर्देश या सिग्नल का इंतजार कर रहा था। जांच में यह भी पता चला है कि जिस कार में धमाका हुआ वह गुरुग्राम निवासी सलमान के नाम से पंजीकृत थी। सलमान को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उसने बताया कि कार उसने पुलवामा निवासी तारिक को बेची थी, जो अब फरार है।
पुलिस का मानना है कि धमाका कार के पिछले हिस्से में हुआ, जहां संभवतः विस्फोटक सामग्री रखी गई थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने मामला UAPA के तहत दर्ज किया है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को रिपोर्ट सौंपी जा रही है। एनआईए जल्द इस मामले की जांच अपने हाथ में ले सकती है।
गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना को गंभीर मानते हुए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है जिसमें इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। इस बैठक में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के साथ आतंकी नेटवर्क की संभावित कड़ी पर चर्चा की जाएगी।
वहीं, एलएनजेपी अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि शवों पर सामान्य IED विस्फोट जैसी जलन या काले निशान नहीं पाए गए। घायलों के शरीर पर छर्रों या स्प्लिंटर की चोटें भी नहीं हैं, जिससे यह शक गहरा गया है कि धमाके में किसी रासायनिक या नई तकनीक वाले विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया हो सकता है।
घटना के बाद दिल्ली में सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। मेट्रो स्टेशनों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में पुलिस ने सघन चेकिंग शुरू कर दी है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और आसपास के इलाकों में ड्रोन सर्विलांस भी किया जा रहा है।राजधानी में हुई इस बड़ी वारदात ने सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियां अब यह जानने की कोशिश कर रही हैं कि क्या यह धमाका किसी बड़े आतंकी साजिश की शुरुआत तो नहीं है।
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