पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद लालू प्रसाद यादव के परिवार में बड़ा घमासान सामने आ गया है।लालू की बेटी और किडनी डोनर रोहिणी आचार्य ने देर रात राबड़ी आवास छोड़ दिया और सार्वजनिक रूप से परिवार से दूरी की घोषणा कर दी।
रोहिणी ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव ने उन्हें परिवार से निकाल दिया, और जब उन्होंने चुनावी हार पर सवाल उठाया तो संजय यादव और रमीज ने उन पर दबाव डाला और चप्पल तक उठाई।
मेरा कोई परिवार नहीं, उन्होंने ही निकाला है- रोहिणी पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत में रोहिणी ने कहा मेरा कोई परिवार नहीं है। उन्होंने ही मुझे परिवार से निकाला है। पार्टी की हालत क्यों खराब हुई, यह पूछने पर भी जवाब नहीं दिया जाता। रोहिणी ने यह भी कहा कि पार्टी में प्रश्न पूछने वालों को दबाया जाता है—
सवाल पूछोगे तो गाली दी जाएगी, चप्पल से मारा जाएगा। देर रात उन्होंने राबड़ी देवी का आवास छोड़ दिया और परिवार से दूरी बना ली।X पर लिखा राजनीति छोड़ रही हूं, परिवार से नाता तोड़ रही हूं।
शनिवार देर शाम रोहिणी ने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा मैं राजनीति छोड़ रही हूं, और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था। मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं। उनके पोस्ट से साफ है कि वे पार्टी में संजय यादव और रमीज की बढ़ती पकड़ से नाराज़ हैं।
कौन हैं संजय यादव? क्यों उठ रहे सवाल?
संजय यादव हरियाणा के रहने वाले और तेजस्वी के बेहद करीबी सलाहकार माने जाते हैं।वे कंप्यूटर साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट हैं और 2 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के मालिक हैं।उनकी और तेजस्वी की मुलाकात 2012 में दिल्ली में क्रिकेट ग्राउंड पर हुई थी।2013 में लालू यादव के जेल जाने के बाद तेजस्वी राजनीति सीखने लौटे और संजय को भी पटना बुला लिया।संजय ने मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ RJD के साथ काम शुरू किया।माना जाता है कि RJD में रणनीति, सोशल मीडिया और संगठन से जुड़े ज्यादातर फैसले संजय ही लेते हैं।
रोहिणी का संजय पर सीधा इशारा
रोहिणी ने X पर लिखा संजय और रमीज ही पार्टी चलाते हैं, वही फैसले लेते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार संजय के फ्रंट सीट पर बैठने, तेजस्वी की मीटिंग्स में उनकी भूमिका और चुनावी रणनीति में बढ़ते हस्तक्षेप से परिवार के कई सदस्य नाराज हैं।तेजप्रताप यादव पहले ही उन्हें “जयचंद” कहकर निशाना बना चुके हैं।
कौन है रमीज? जिनके नाम पर भी बवाल
रमीज यूपी के बलरामपुर के रहने वाले और जेल में बंद पूर्व सांसद रिजवान जहीर के दामाद हैं।इन पर हत्या समेत कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं।इनकी 4.75 करोड़ की जमीन प्रशासन पहले ही जब्त कर चुका है।रमीज RJD के सोशल मीडिया और चुनाव संचालन में सक्रिय रहते हैं।फैसले लेने में उनकी भूमिका को लेकर भी परिवार में नाराज़गी है।
चुनाव नतीजों के बाद घमासान बढ़ा
बिहार चुनाव में RJD की सीटें 75 से घटकर 25 रह गईं।तेजस्वी अपनी सीट मुश्किल से बचा पाए, जबकि तेजप्रताप 50 हजार वोटों से हार गए।नतीजों के तुरंत बाद लालू परिवार में असंतोष खुलकर सामने आने लगा।तेजप्रताप ने लिखा जयचंदों ने RJD को खोखला कर दिया।जिसका संकेत संजय यादव की ओर माना गया।
पुराना विवाद भी उभरा सामने
• 18 सितंबर को रोहिणी ने परिवार के सभी सदस्यों को सोशल मीडिया पर अनफॉलो कर दिया था।संजय यादव के तेजस्वी की गाड़ी की फ्रंट सीट पर बैठने से विवाद बढ़ा था। तेजप्रताप पहले भी कह चुके हैं संजय यादव मिलने नहीं देते, वे सब कंट्रोल करते हैं।
• 2021 में भी तेजप्रताप ने संजय पर कई आरोप लगाए थे।
तेजप्रताप को इसी साल परिवार से निकाला गया था
25 मई को लालू यादव ने तेजप्रताप को पार्टी–परिवार से बाहर कर दिया था।इसके बाद तेजप्रताप ने बगावत कर जन शक्ति मोर्चा बनाकर 43 सीटों पर चुनाव लड़ा।परंतु सभी उम्मीदवार हार गए और तेजप्रताप अपनी महुआ सीट भी नहीं बचा सके।
RJD में टूट के संकेत?
खबरें यह भी हैं कि तेजस्वी को लालू ने फ्री हैंड दे दिया है और संजय–रमीज की भूमिका चुनाव में और भी बढ़ गई है।लालू परिवार में इस बढ़ते दखल को लेकर कई सदस्य लंबे समय से नाराज बताए जा रहे हैं।इधर, BJP के नेता राजीव प्रताप रूडी ने बयान दिया RJD बिखरता जा रहा है, संकेत अच्छे नहीं हैं।
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