आगरा: विश्व एड्स दिवस के अवसर पर आज स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरुकता परेड निकाली गई। परेड सीएमओ कार्यालय से प्रारंभ हुई और शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई जागरूकता संदेशों के साथ आगे बढ़ी। जिला क्षय रोग एवं एड्स नियंत्रण अधिकारी सुखेश गुप्ता ने हरी झंडी दिखाकर परेड को रवाना किया।
परेड में एएनएम प्रशिक्षु छात्राओं, राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों, एनसीसी इकाइयों, आईसीटीसी और पीपीसीटीसी काउंसलरों, एएसके एवं एसटीआई इकाइयों के कार्मिकों के अलावा जन चेतना सेवा समिति, पंचशील वेलफेयर सोसाइटी, आगरा पोजिटिव वेलफेयर सोसाइटी और चेतना सोसाइटी सहित विभिन्न संगठनों के दो सौ से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि विश्व एड्स दिवस हर वर्ष एक दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम “बाधाएँ दरकिनार, एचआईवी पर सशक्त प्रहार” निर्धारित की गई है। इसका उद्देश्य एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाना, संक्रमित लोगों के प्रति सहानुभूति और समर्थन विकसित करना तथा एड्स के खिलाफ सामूहिक प्रयासों को मजबूत करना है।
एड्स और एचआईवी रोकथाम को लेकर जानकारी देते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि हर एचआईवी संक्रमित व्यक्ति को छह माह तक टीबी से बचाव की दवा लेना अनिवार्य है। एचआईवी के कारण प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे टीबी का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
टीबी फेफड़ों को प्रभावित करने वाली गंभीर बीमारी है, जिसका समय पर उपचार न होने पर यह जानलेवा हो सकती है। टीबी से बचाव की दवा एचआईवी मरीजों को संक्रमण से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
जिला क्षय रोग एवं एड्स नियंत्रण इकाई की ओर से बताया गया कि एड्स के फैलाव के मुख्य चार कारण हैं।असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई का उपयोग, संक्रमित रक्त चढ़ाना और संक्रमित गर्भवती महिला से बच्चे में संक्रमण।
जनपद में वर्तमान में 5397 सक्रिय एचआईवी मरीज हैं। इस वित्तीय वर्ष में 587 नए एचआईवी मरीज मिले हैं। वर्ष 2025 में अब तक 28002 टीबी मरीजों की जांच की गई, जिनमें 129 ऐसे मरीज पाए गए जिनमें एचआईवी और टीबी दोनों संक्रमण मौजूद थे। इन सभी मरीजों को दोनों प्रकार की दवाएं साथ-साथ दी जा रही हैं।
सूचना में बताया गया कि एचआईवी संक्रमण लंबे समय तक बिना उपचार के रहने पर एड्स का रूप ले लेता है। एड्स की अवस्था में प्रतिरक्षा प्रणाली काफी कमजोर हो जाती है और गंभीर संक्रमणों का खतरा बढ़ जाता है। इसी कारण एड्स पीड़ित व्यक्तियों में अनेक प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएँ देखने को मिलती हैं।
परेड में उप जिला क्षय रोग अधिकारी एसके राहुल, दिशा क्लस्टर आगरा की टीम, जिला क्षय रोग केंद्र के कार्मिक तथा एएनएमटीसी की प्रभारी सलोनी सहित विभागीय स्टाफ मौजूद रहा।
एचआईवी के लक्षण: वजन घटना, एक महीने से अधिक बुखार, एक महीने से अधिक दस्त।
एड्स के लक्षण: लगातार खांसी, चर्म रोग, मुंह-गले में छाले, लसिका ग्रंथियों में सूजन, याददाश्त कमजोर होना, शारीरिक-मानसिक क्षमता कम होना।
टीबी के लक्षण: दो सप्ताह से अधिक खांसी, सीने के साथ बुखार, अत्यधिक कमजोरी, भूख न लगना, बलगम में खून।
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