आगरा। जम्मू-कश्मीर के कटरा में वैष्णो देवी धाम के पास हुए लैंडस्लाइड ने आगरा के एक परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। छीपीटोला और रकाबगंज क्षेत्र के रहने वाले सात लोग 23 अगस्त को माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए निकले थे। मंगलवार दोपहर जब वे मनसा लेक की ओर जा रहे थे, तभी अचानक हुए लैंडस्लाइड की चपेट में आ गए।इस भीषण हादसे में परिवार की तीन जिंदगियां खत्म हो गईं, जबकि दो लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं। हादसे की खबर मिलते ही आगरा स्थित घरों में मातम छा गया और परिजनों में चीख-पुकार मच गई।
आगरा के रकाबगंज स्थित कुम्हारपाड़ा निवासी 55 वर्षीय अर्जुन सिंह अपने पूरे परिवार के साथ वैष्णो देवी गए थे। लेकिन यह यात्रा उनके लिए अंतिम साबित हुई।हादसे में उनकी पत्नी 50 वर्षीय सुनीता, 11 महीने की मासूम बच्ची सेजल और 11 साल की बेटी भावना की मौत हो गई। जबकि अर्जुन सिंह और परिवार का एक अन्य सदस्य अभी तक लापता हैं।परिजनों के मुताबिक तीनों शव जम्मू से आगरा लाए जा रहे हैं। घर में शोक का माहौल ऐसा है कि हर कोई बेसुध पड़ा है। रिश्तेदार और आसपास के लोग सांत्वना देने पहुंच रहे हैं लेकिन मातम के सन्नाटे में किसी के आंसू रुक नहीं रहे।
मां के दरबार से लौटे शव
परिवार के लोग बार-बार यही सवाल कर रहे हैं कि जो लोग मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए निकले थे, वे अब शव बनकर घर क्यों लौट रहे हैं?
घर के बाहर भीड़ जमा है, रिश्तेदारों और मोहल्ले के लोग लगातार रो रहे हैं। जिन बच्चियों की चहक से घर गुलजार रहता था, अब वहां सन्नाटा पसरा हुआ है।
खेरागढ़ के युवकों की टोली भी फंसी
इसी हादसे में आगरा के खेरागढ़ कस्बे से गए पांच युवकों की टोली भी लैंडस्लाइड की चपेट में आ गई।विनोद बंसल का बेटा अपने चार दोस्तों के साथ 23 अगस्त को वैष्णो देवी यात्रा पर गया था। उनके साथ यश गर्ग, प्रांशु मित्तल, आदित्य परमार और दीपक मित्तल भी थे। पांचों दोस्त धौलपुर के सैंपऊ कस्बे से ट्रेन पकड़कर रवाना हुए थे।दो दिन पहले उन्होंने माता के दर्शन भी कर लिए थे। वापसी से पहले मंदिरों के भ्रमण की योजना बनाई और 6,000 रुपये में एक कार बुक कर ली। लेकिन मनसा लेक जाते समय ही अचानक लैंडस्लाइड हो गया।
दीपक ने बताया हादसे का मंजर
हादसे से बाल-बाल बचे दीपक ने बताया कि “जैसे ही रास्ता अवरुद्ध हुआ, हम सभी ड्राइवर समेत कार से नीचे उतर आए। तभी पीछे से जोरदार आवाज आई और देखते ही देखते पत्थरों व पेड़ों का मलबा हमारे ऊपर आ गिरा। हम सब बहाव में बह गए। मैं और आदित्य किसी तरह बाहर निकल पाए। बाद में ड्राइवर भी बच गया। लेकिन यश, प्रांशु और शिव हमारे सामने ही बह गए और फिर दिखाई नहीं दिए। दीपक बताते हैं कि शिव बीएससी का छात्र था और बेहद होनहार था। उनके लापता होने से पूरा खेरागढ़ कस्बा शोक में डूबा हुआ है।
स्थानीय लोग और NDRF ने चलाया रेस्क्यू
दीपक और आदित्य को स्थानीय लोगों ने किसी तरह सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। पुलिस और एनडीआरएफ को तुरंत सूचना दी गई। करीब दो घंटे बाद रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और खोज अभियान शुरू किया।लेकिन नदी का तेज बहाव और भारी मलबा होने की वजह से तीनों लापता युवकों का अब तक पता नहीं चल पाया है।जम्मू के कटरा स्थित वैष्णो देवी ट्रैक पर मंगलवार दोपहर 3 बजे के आसपास भारी लैंडस्लाइड हुआ।पुराने ट्रैक पर अर्धकुमारी मंदिर से कुछ दूर इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास बड़े-बड़े पत्थर और मलबा अचानक नीचे आ गिरा।इसमें 32 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दर्जनों अभी भी घायल हैं। मंगलवार रात तक मृतकों की संख्या 7 बताई गई थी, लेकिन बुधवार सुबह तक यह आंकड़ा तेजी से बढ़ गया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया सब कुछ तबाह हो गया
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि “पहले हमें लगा कि हल्का सा भूस्खलन है। लेकिन कुछ ही मिनटों में बड़े-बड़े पत्थर और पेड़ नीचे गिरने लगे। कोई समझ ही नहीं पाया कि किस ओर भागें। देखते ही देखते सड़क, ट्रैक और आसपास की हर चीज तबाह हो गई। लोग मलबे के नीचे दब गए। चीखें गूंजने लगीं लेकिन मदद पहुंचने में देर हो गई।आगरा शहर के छीपीटोला और रकाबगंज के मोहल्लों में मातम पसरा हुआ है। जिन घरों से हंसी-खुशी विदा हुए लोग लौटने वाले थे, वहां अब ताबूतों की प्रतीक्षा हो रही है।परिजन लगातार रो रहे हैं और सिर्फ यही सवाल कर रहे हैं कि आखिर उनके अपनों की गलती क्या थी?
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने लैंडस्लाइड प्रभावित क्षेत्रों में अलर्ट घोषित कर दिया है। सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय पुलिस राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी है।
उधर उत्तर प्रदेश सरकार ने भी आगरा समेत अन्य जिलों के प्रशासन को पीड़ित परिवारों की हर संभव मदद करने के निर्देश दिए हैं।
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