आगरा।आधुनिक दौर में मोबाइल फोन जहां जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है, वहीं सड़क पर यह मौत का सामान भी साबित हो रहा है। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर हुए भीषण हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या बस और भारी वाहनों के चालक मोबाइल के इस्तेमाल जैसी लापरवाहियों से यात्रियों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं? यात्रियों का आरोप है कि स्लीपर कोच बस चालक सूरज मोबाइल फोन पर वीडियो देखने में व्यस्त था और इसी दौरान तेज रफ्तार में सामने चल रहे ट्रोला में बस को पीछे से भिड़ा दिया। नतीजा यह हुआ कि बस का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और चालक सहित तीन लोग घायल हो गए।
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हादसे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस |
हालांकि गनीमत रही कि कोई यात्री गंभीर रूप से हताहत नहीं हुआ, वरना यह हादसा और भी बड़ा रूप ले सकता था।यह हादसा केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता और नियमों के पालन की गंभीर जरूरत को रेखांकित करता है। यात्रियों की मानें तो हादसा टल सकता था अगर चालक जिम्मेदारी से गाड़ी चला रहा होता। अब यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या यात्रियों की जान, मोबाइल पर वीडियो की कीमत से भी सस्ती हो गई है?
देर रात हुआ हादसा, यात्रियों में मचा हड़कंप
फतेहाबाद। सोमवार की देर रात आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर बड़ा हादसा उस समय हो गया जब दिल्ली से सवारियां लेकर गोरखपुर जा रही स्लीपर कोच बस टोल प्लाजा 21 के पास आगे चल रहे ट्रोला में पीछे से टकरा गई। यह हादसा इतनी भीषण था कि बस का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और उसमें सवार यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। हादसे में बस चालक, परिचालक और एक यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा रात्रि लगभग 12:30 बजे थाना फतेहाबाद क्षेत्र के अंतर्गत आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे किलोमीटर 20.900 टोल प्लाजा के पास हुआ। जैसे ही बस ट्रोला से पीछे से टकराई, बस के अगले हिस्से के परखच्चे उड़ गए और तेज आवाज से पूरी बस में सवारियां सहम गईं। कुछ यात्रियों को हल्की चोटें आईं, लेकिन तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
बस दिल्ली से चली थी गोरखपुर के लिए
पुलिस और यूपीडा (UPIDA) अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार यह बस दिल्ली से करीब 35 यात्रियों को लेकर गोरखपुर के लिए रवाना हुई थी। बस चालक सूरज (निवासी थाना गोट, दिमनी जिला मुरैना), परिचालक रिंकू शर्मा (पुत्र रामगोविंद शर्मा, निवासी थाना अम्बाह जिला मुरैना) और यात्री विजय प्रकाश (पुत्र अवधेश, निवासी कटपुरा थाना चौबिया जिला इटावा) इस हादसे में घायल हो गए।
घटना स्थल पर मची अफरा-तफरी
जैसे ही बस ट्रोला से टकराई, पूरे वाहन में हाहाकार मच गया। यात्रियों में चीख-पुकार सुनाई देने लगी। बस का अगला हिस्सा इतनी बुरी तरह से डैमेज हुआ कि चालक और परिचालक को बाहर निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। कई यात्री तुरंत बस से बाहर निकल आए और सुरक्षित स्थानों पर चले गए।हादसे की सूचना मिलते ही यूपीडा के सुरक्षा अधिकारी प्रथम राधामोहन द्विवेदी और चौकी इंचार्ज लुहारी देवेंद्र सिंह अपनी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। घायलों को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, फतेहाबाद में भर्ती कराया गया। हादसे के बाद एक्सप्रेसवे पर कुछ देर तक जाम की स्थिति भी बनी रही, हालांकि पुलिस ने तुरंत यातायात को सुचारू करा दिया।
मोबाइल फोन बना हादसे की वजह
यात्रियों ने आरोप लगाया है कि बस चालक सूरज अपने मोबाइल फोन पर वीडियो देख रहा था और इसी बीच उसने तेज रफ्तार में बस को ट्रोला में पीछे से भिड़ा दिया। यात्रियों ने बार-बार चालक को समझाने की कोशिश की थी, लेकिन उसने किसी की बात नहीं सुनी। बताया गया कि चालक लापरवाही से गाड़ी चला रहा था, जिसकी वजह से यह भीषण हादसा हुआ।हादसे के बाद यात्रियों में दहशत का माहौल था। कई यात्री बस छोड़कर बाहर निकल आए और अपने-अपने परिचितों को फोन कर घटना की जानकारी दी। जिन यात्रियों को हल्की चोटें आईं, उन्हें मौके पर प्राथमिक उपचार दिया गया। वहीं गंभीर घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फतेहाबाद ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
हादसे का धमाका होते ही दौड़े ग्रामीण
हादसे की आवाज सुनते ही आसपास के ग्रामीण और राहगीर भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने घायलों को बाहर निकालने में मदद की और घायलों को अस्पताल ले जाने में पुलिस व यूपीडा टीम की सहायता की। स्थानीय लोगों ने भी चालक की लापरवाही पर नाराजगी जताई।यूपीडा के सुरक्षा अधिकारी प्रथम राधामोहन द्विवेदी ने बताया कि यात्रियों ने स्पष्ट कहा है कि चालक मोबाइल में वीडियो देख रहा था और बार-बार चेतावनी देने के बावजूद उसने गाड़ी की स्पीड कम नहीं की। लापरवाही के कारण बस ट्रोला से टकरा गई। अधिकारी ने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जाएगी और बस चालक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई भी होगी।गौरतलब है कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर आए दिन तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग के कारण हादसे हो रहे हैं। बसों और ट्रकों की टक्कर के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर चालक मोबाइल फोन के इस्तेमाल से बचें और गति सीमा का पालन करें तो ऐसे हादसों से बचा जा सकता है।हादसे के बाद कई यात्रियों ने बस कंपनी की जिम्मेदारी पर सवाल उठाए। यात्रियों का कहना था कि अगर चालक पर कड़ी निगरानी रखी जाती और गाड़ी की रफ्तार नियंत्रित होती तो यह हादसा टल सकता था। यात्रियों ने बस कंपनी से मुआवजे की मांग भी उठाई है।
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