आगरा। सोमवार को मंडलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में आगरा स्मार्ट सिटी की 38वीं बोर्ड बैठक संपन्न हुई। बैठक की शुरुआत विगत 37वीं बोर्ड बैठक की पुष्टि से हुई। इसमें अध्यक्ष द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई।आगरा स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक में शहरवासियों के लिए कई अहम और जनहितकारी फैसले लिए गए। इस दौरान कमिश्नर ने पब्लिक बाईसाइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट को रद्द करने के आदेश दिए, साथ ही मेरा आगरा’ एप को अधिक यूजर-फ्रेंडली बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा स्मार्ट जंक्शन ट्रैफिक, प्रदूषण निगरानी और नागरिक सुविधाओं के विकास पर जोर दिया गया, जिससे शहरवासियों का रोजमर्रा का जीवन और सुविधाजनक बने।अधीनस्थ अफसरों के साथ मीटिंग करते कमिशनर शैलेन्द्र कुमार सिंह
ट्रैफिक मैनेजमेंट पर फोकस
बैठक में बताया गया कि स्मार्ट सिटी द्वारा स्थापित 63 एटीसीएस जंक्शन में से 13 जंक्शन पर ट्रैफिक पुलिस ब्लिंक मोड पर संचालन कर रही है। मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि वीआईपी आवागमन को छोड़कर सामान्य दिनों में अधिक से अधिक जंक्शन एडैप्टिव मोड पर चलना सुनिश्चित किया जाए। सभी स्मार्ट जंक्शन पर लगे प्रदूषण सूचकांक में आ रहे डेटा अंतर पर भी चर्चा की गई। मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि जिन क्षेत्रों में डेटा में ज्यादा अंतर आ रहा है और जहां एक्यूआई लेवल ऊंचा दर्ज हो रहा है, वहां कारणों का अध्ययन कर उचित समाधान निकाला जाए। साथ ही राजस्थान सीमा से लगे क्षेत्रों में धूल प्रदूषण पर नियंत्रण के प्रभावी कदम उठाने के निर्देश भी दिए।
आईटीएमएस जंक्शन पर निगरानी
आईटीएमएस जंक्शन से रेड लाइट वॉयलेशन, ओवर स्पीडिंग, बिना सीट बेल्ट व गलत साइड पर चलने वाले वाहनों की संख्या और इनसे संबंधित चालानों का डेटा बोर्ड के सामने प्रस्तुत किया गया। अवगत कराया गया कि वॉयलेशन की अपेक्षाकृत कम संख्या में चालान जनित हो रहे हैं। इस पर मंडलायुक्त ने एडीसीपी ट्रैफिक को मैनपावर बढ़ाने और चालानों की संख्या में वृद्धि करने के निर्देश दिए।
'मेरा आगरा' एप को और सुविधाजनक बनाएं
बैठक में सिटी एप 'मेरा आगरा' की स्थिति पर भी चर्चा हुई। अवगत कराया गया कि इस एप को अब तक करीब 20 हजार यूजर्स ने डाउनलोड किया है। इस एप पर आगरा शहर में आयोजित कार्यक्रमों, हेरिटेज/स्मारकों की टिकट बुकिंग, नगर निगम और एडीए की जनसेवाएं तथा शिकायत दर्ज कराने की सुविधा उपलब्ध है। मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि नगर निगम की अन्य योजनाएं और सुविधाएं भी एप से जोड़ी जाएं। साथ ही एप के अधिक से अधिक डाउनलोड के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
एक महीने में पूरे करें अधूरे काम
बैठक में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत चल रहे सभी प्रोजेक्ट की समीक्षा की गई। अधिकारियों ने अवगत कराया कि तीन प्रोजेक्ट को छोड़कर अन्य सभी प्रोजेक्ट कार्य पूर्ण हो चुके हैं। मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि आगामी एक माह में शेष कार्य भी पूर्ण कर संबंधित विभाग को हैंडओवर किए जाएं।बैठक में पब्लिक बाईसाइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट की स्थिति पर भी विचार हुआ। अवगत कराया गया कि पीपीपी मोड पर संचालित इस प्रोजेक्ट में अनुबंधित कंपनी समुचित संचालन नहीं कर रही है। कंपनी को कई बार नोटिस भेजे गए लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इस पर बोर्ड ने अनुबंध रद्द करने और प्रोजेक्ट को समाप्त करने का निर्णय लिया।
आम पब्लिक को मिले प्रोजेक्ट का लाभ
बैठक में सिटी 2.0 प्रोजेक्ट को लेकर भी जानकारी दी गई। अधिकारियों ने बताया कि इसका सर्वे पूरा हो चुका है। शासन स्तर से मीटिंग होने के बाद इसका प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। इस प्रोजेक्ट में बायो वेस्ट मैनेजमेंट का भी प्रावधान किया गया है, जिससे कचरा प्रबंधन को और अधिक सुदृढ़ किया जा सकेगा।मंडलायुक्त ने बैठक में साफ कहा कि शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का लाभ आम जनता को सीधे मिलना चाहिए। उन्होंने प्रदूषण नियंत्रण, ट्रैफिक प्रबंधन और नागरिक सुविधाओं को बेहतर करने पर विशेष जोर दिया।
बैठक में ये रहे मौजूद
बैठक में डीएम अरविंद मलप्पा बंगारी, नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल, एडीए उपाध्यक्ष एम. अरून्मौलि, इंडीपेंडेंट डायरेक्टर रघु नायर और कंचन वोहरा, जीएम (प्रोजेक्ट) अरुण कुमार, एसोसिएट टाउन प्लानर स्मिता निगम, सीएस ईशा भारद्वाज, नोडल ऑफिसर बीएल गुप्ता और चीफ डेटा ऑफिसर सौरभ अग्रवाल मौजूद रहे।
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