यमुना का जलस्तर 152.405 मीटर पर, खतरे के निशान से ऊपर
प्रभावित इलाकों में बनाए गए बाढ़ रिलीफ कैंप
राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ टीमें तैनात
पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश से बढ़ा हथिनीकुंड बैराज का दबाव
आगरा। गोकुल बैराज मथुरा से 1,37,373 क्यूसेक पानी पास किए जाने के कारण यमुना नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है और जल संस्थान आगरा पर नदी का स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। रविवार दोपहर दो बजे जल संस्थान पर यमुना का जलस्तर 152.405 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से ऊपर है। लगातार पानी छोड़े जाने और पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही भारी वर्षा के चलते नदी का स्तर और बढ़ने की संभावना जताई गई है। वर्तमान में चंबल नदी का जलस्तर 124.60 मीटर है।अधिकारियों के साथ यमुना नदी का जायजा लेते विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह
हथिनीकुंड से फिर छोड़ा गया पानी
यमुना का उद्गम उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले स्थित यमुनोत्री से होता है और यह उत्तर प्रदेश तथा हरियाणा की सीमा के सहारे सहारनपुर जिले के फैजाबाद गांव से उत्तर प्रदेश में प्रवेश करती है। प्रयागराज में यह गंगा में विलय हो जाती है। मार्ग में अनेक सहायक नदियां यमुना में मिलती हैं। विगत दिनों से पहाड़ी क्षेत्रों में अत्यधिक वर्षा होने के कारण हथिनीकुंड बैराज का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और इसी कारण वहां से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा में काफी वृद्धि हो गई है। यही कारण है कि आगरा में यमुना का जलस्तर लगातार ऊपर जा रहा है और खतरे के निशान को पार कर गया है।आगरा दयालबाग की कई कॉलोनियों में घुसा पानी
इन इलाकों में भरा पानी
सदर तहसील क्षेत्र में लो फ्लड लेवल से प्रभावित होने वाले गांवों में तनौरा, नूरपुर, मेहरा नाहगंज, विसारना, कैलाश और स्वामी बाग शामिल हैं, जबकि फतेहाबाद तहसील के भरापुर, बमरौली, ईदौन, मडायना, मेलीकलॉ, गुड़ा, मेवली खुर्द और हिमायूपुर गांव प्रभावित हैं। शहरी क्षेत्रों में नगला बूढ़ी, अमर विहार दयालबाग, मोतीमहल, कटरा वजीर खां और रामबाग बस्ती में भी पानी का असर देखा जा रहा है।मौके की स्थिति का जायजा लेती एसडीएम किरावली
ये इलाके प्रभावित
मीडियम फ्लड लेवल पर प्रभावित होने वाले गांवों में सदर तहसील के बुर्ज, नगला छीतर सिंह, मेहरा नाहरगंज, महल बादशाही, नगला तल्फी और नगला पैमा शामिल हैं। फतेहाबाद तहसील के शाहिदपुर, वीरपुरा, बेहड़, पारौली सिकरवार, बिचौला और गिदरौन गांवों के साथ ही एत्मादपुर तहसील के नगला धीमर, बढ़नुपरा, रहनकलां और नगला कटा गांव भी प्रभावित बताए गए हैं।
सदर तहसील के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में खासपुर का बल्केश्वर, अनुराग नगर, मनोहरपुर, नगला बूढ़ी, अमर विहार, दयालबाग और कृष्णा कॉलोनी बाढ़ की चपेट में बताए गए हैं।नदी में बढ़ रहे जलस्तर का जायजा लेने पहुंची राजस्व विभाग की टीम
रिलीफ कैंप में भेजे जा रहे लोग
इन प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित करने के लिए प्रशासन ने कई बाढ़ शरणालय बनाए हैं। प्राथमिक विद्यालय सरगनखेड़ा, आईटीआई बल्केश्वर, कैलाश मंदिर और अंबेडकर वाटिका मोती महल में बाढ़ शरणालय संचालित किए जा रहे हैं।
राहत पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ टीम को लगाया गया
प्रभावित इलाकों में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ टीम को लगाया गया है। टीम बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने और जरूरी मदद देने के लिए लगातार सक्रिय है।
एडीएम शुभांगी शुक्ला ने शहर और गांव के लोगों से अपील की है कि वे बाढ़ की आशंका को देखते हुए जरूरी कागजात जैसे राशन कार्ड, पासबुक और आधार कार्ड को वॉटरप्रूफ बैग में सुरक्षित रखें। इसके अलावा सूखा अनाज और मवेशियों का चारा किसी ऊंचे स्थान पर रख दें। बाढ़ की चेतावनी मिलते ही गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, वृद्ध, दिव्यांग और बीमार व्यक्तियों को तत्काल शरणालयों में शरण लेने के निर्देश दिए गए हैं। बिजली का मुख्य स्विच और गैस रेगुलेटर बंद करने, पानी के किनारे न जाने और जरूरी सामान ऊंचे स्थान पर रखने की सलाह दी गई है।
एडीएम ने लोगों से यह भी अपील की है कि वे अपने परिवार के बच्चों को यमुना नदी के पानी में नहाने से रोकें। प्रशासन ने कहा है कि हालात गंभीर हैं और किसी भी तरह की लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है।
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