आगरा| आगरा में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 13 सितंबर को किया जाएगा। इसकी तैयारी को लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में यह तय किया गया कि इस बार अधिक से अधिक वादों को चिन्हित कर लोक अदालत में निपटाया जाएगा, ताकि लोगों को त्वरित और सस्ता न्याय मिल सके।
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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की मीटिंग में मौजूद अधिकारी |
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देश पर यह लोक अदालत लगाई जा रही है। यह आयोजन दीवानी न्यायालय, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण, परिवार न्यायालय, उपभोक्ता फोरम कोर्ट, वाणिज्य न्यायालय, लारा कोर्ट,(Land Acquisition, Rehabilitation and Resettlement Court भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन न्यायालय, राजस्व न्यायालय, खंड विकास कार्यालय और पुलिस आयुक्त कार्यालय में किया जाएगा।
जनपद न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष संजय कुमार मलिक की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में न्यायिक अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि अधिक से अधिक वादों को चिन्हित कर लोक अदालत में संदर्भित किया जाए।संजय कुमार मलिक ने कहा कि लोक अदालत विवादों को सुलझाने का सबसे अच्छा तरीका है। इसमें दोनों पक्ष आपसी सहमति से समाधान निकालते हैं और एक बार निस्तारित होने के बाद मामला दोबारा नहीं खुलता। इससे न केवल समय की बचत होती है, बल्कि खर्च भी कम होता है।
लोक अदालत से होगा मामलों का निपटारा
बैठक में यह भी कहा गया कि आम जनता को न्यायालय के चक्कर लगाने की बजाय लोक अदालत का फायदा उठाना चाहिए। यहां मामलों का निपटारा आपसी समझौते से होता है और इसका निर्णय अंतिम माना जाता है।लोक अदालत में सबसे ज्यादा ऐसे मामलों को निपटाया जाता है जिनमें दोनों पक्ष बातचीत से हल निकालना चाहते हैं। इसमें बैंक के कर्ज, बिजली बिल, बीमा क्लेम, मोटर दुर्घटना से जुड़े दावे, पारिवारिक विवाद और छोटे-छोटे दीवानी मामले बड़ी संख्या में शामिल होते हैं।
जनता को होगा फायदा
राष्ट्रीय लोक अदालत में आने वाले मामलों का निपटारा बहुत तेजी से होता है। इसमें न तो ज्यादा फीस लगती है और न ही कोई जटिल प्रक्रिया अपनानी पड़ती है। आपसी सहमति से होने वाले फैसलों से दोनों पक्ष संतुष्ट रहते हैं और विवाद लंबे समय तक नहीं खिंचते।इस बार जिला प्रशासन और न्यायिक अधिकारियों ने तय किया है कि ज्यादा से ज्यादा वादों को चिन्हित कर लोक अदालत में लाया जाएगा। उम्मीद है कि हजारों लोग इस बार इसका लाभ उठा सकेंगे।लोक अदालत को सफल बनाने में वकीलों की भूमिका भी महत्वपूर्ण मानी जाती है। वकील अपने मुवक्किलों को समझा कर उन्हें आपसी समझौते के लिए प्रेरित कर सकते हैं। जब दोनों पक्ष मान जाते हैं तो मामला तुरंत सुलझ जाता है और सभी को राहत मिलती है।
कोर्ट का दबाव होगा कम
लोक अदालत के जरिए बड़ी संख्या में मामलों का निपटारा होता है, जिससे न्यायालयों पर दबाव कम होता है। सामान्य तौर पर कई मामलों में फैसला आने में वर्षों लग जाते हैं, लेकिन लोक अदालत के माध्यम से उसी विवाद को एक ही दिन में निपटाया जा सकता है।लोक अदालत का मकसद है कि हर व्यक्ति को न्याय सुलभ हो। गांव-गांव और कस्बों तक रहने वाले लोग भी इसके जरिए अपने छोटे-बड़े विवादों को सुलझा सकते हैं। खासकर गरीब और वंचित तबके के लिए यह व्यवस्था बहुत उपयोगी है।13 सितंबर को राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए सभी न्यायालयों और कार्यालयों में विशेष इंतजाम किए जाएंगे। इसके लिए पहले से ही वादों को चिन्हित कर संबंधित अदालतों को भेजा जा रहा है।जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से पोस्टर, पंपलेट और मीडिया प्रचार के जरिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस आयोजन का लाभ ले सकें।
ये रहे उपस्थित
बैठक में अमरजीत, अपर जिला जज और राष्ट्रीय लोक अदालत के नोडल अधिकारी मौजूद रहे। इसके साथ ही डॉ दिव्यानंद द्विवेदी, अपर जिला जज और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव भी उपस्थित रहे। बैठक में सीनियर डिवीजन और जूनियर डिवीजन के सभी न्यायिक अधिकारी शामिल हुए।
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