आगरा। हथिनीकुंड बैराज से यमुना नदी में करीब तीन लाख 29 हजार 313 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। पानी की इस बड़ी मात्रा के कारण यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और आने वाले दिनों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और पूरी तैयारी शुरू कर दी गई है।जिला प्रशासन ने जानकारी दी कि बाढ़ की आशंका को देखते हुए आगरा में एक कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है। यह कंट्रोल रूम 24 घंटे संचालित रहेगा। लोग किसी भी आपात स्थिति में कंट्रोल रूम से सीधे संपर्क कर सकेंगे। इसके लिए नंबर जारी किए गए हैं।
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यमुना में तेजी से बढ़ रहा जलस्तर। |
यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है
एडीएम फाइनेंस शुभांगी शुक्ला ने बताया कि हथिनीकुंड, सहारनपुर से 1 सितंबर की सुबह 9 बजे पानी छोड़ा गया। इसके चलते यमुना नदी के जलस्तर में तेजी से इजाफा हो रहा है। मौजूदा समय में आगरा वाटर वर्क्स पर नदी का जलस्तर 151.370 मीटर दर्ज किया गया है। अनुमान है कि 5 से 6 सितंबर के बीच जलस्तर बढ़कर 152.400 मीटर तक पहुंच सकता है। इस स्थिति में बाढ़ का खतरा काफी हद तक बढ़ जाएगा।
इन इलाकों में हो सकते हैं बाढ़ के हालात
बाढ़ से प्रभावित होने की आशंका वाले ग्रामीण इलाकों की सूची भी जारी की गई है। सदर तहसील में आने वाले गांव तनौरा, नूरपुर, मेहरा नाहरगंज, विसारना, कैलाश, स्वामीबाग को लो फ्लड क्षेत्र माना गया है। वहीं फतेहाबाद तहसील के भरापुर, बमरौली, ईदौन, मडयना, मेवलीकलां, गुड़ा, मेवली खुद और हिमायूपुर गांव भी संभावित बाढ़ग्रस्त क्षेत्र हैं। शहरी क्षेत्रों की बात करें तो नगला बूढ़ी, अमर विहार, दयालबाग, मोतीमहल, कटरा वजीर खां, रामबाग बस्ती, अप्सरा टाकीज, यमुना किनारा रोड और वेदांत मंदिर से लेकर फोर्ट तक का इलाका खतरे की जद में आ सकता है। इन इलाकों में रहने वाले लोगों को प्रशासन ने सतर्क रहने और एहतियात बरतने की अपील की है।
प्रशासन ने लोगों को दी जरूरी हिदायतें
प्रशासन ने बाढ़ की आशंका को देखते हुए लोगों से कई सावधानियां बरतने की अपील की है। सबसे पहले जरूरी दस्तावेज जैसे राशन कार्ड, पासबुक और आधार कार्ड को सुरक्षित रखने की सलाह दी गई है। इन्हें वाटरप्रूफ बैग में रखकर ऊंचे स्थान पर रखना चाहिए।इसके अलावा परिवारों से कहा गया है कि क्लोरिन, ओआरएस और दवाइयां हमेशा साथ रखें। प्राथमिक उपचार किट को भी तैयार रखें ताकि किसी भी स्थिति से निपटा जा सके। खाने-पीने की चीजों में सूखा अनाज और मवेशियों का चारा सुरक्षित स्थान पर रखना चाहिए।
तहसीलों में बनाए गए रिलीफ कैंप
प्रशासन ने खासतौर पर गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, वृद्धजनों, दिव्यांग और बीमार व्यक्तियों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की अपील की है। इनके लिए तहसीलों में बाढ़ शरणालय बनाए गए हैं।लोगों से यह भी कहा गया है कि केवल उबला हुआ या क्लोरिन युक्त पानी ही इस्तेमाल करें। बिजली का मुख्य स्विच और गैस रेगुलेटर बंद रखें। बाढ़ के संपर्क में आए खाद्य पदार्थों को किसी भी हालत में न खाएं। डूबे हुए हैंडपंप का पानी इस्तेमाल न करें।
पानी के किनारे न जाएं
लोगों से साफ कहा गया है कि बाढ़ के दौरान पानी के किनारे बिल्कुल न जाएं। जरूरत का सामान और अन्य चीजें सुरक्षित और ऊंचे स्थान पर रखी जाएं। प्रशासन ने कहा कि स्थिति गंभीर होने पर तुरंत शरणालय में पहुंचें और अफवाहों से बचें।तहसील के राजस्व विभाग और संबंधित अधिकारी लगातार फील्ड में हैं। वे स्थिति का जायजा ले रहे हैं और हर घंटे रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।प्रशासन का कहना है कि सभी संबंधित विभागों को अलर्ट कर दिया गया है। सिंचाई विभाग से लेकर बिजली विभाग और स्वास्थ्य विभाग तक सभी तैयार हैं। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए लगातार बैठकें की जा रही हैं और लोगों को सुरक्षा उपायों की जानकारी दी जा रही है।
कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय
कंट्रोल रूम में हर वक्त अधिकारी मौजूद रहेंगे। किसी भी तरह की आपात स्थिति में यहां तुरंत सूचना दी जा सकती है। 0562-2260550 और 09458095419 पर कॉल करके मदद ली जा सकती है। प्रशासन ने कहा है कि आमजन इस स्थिति में घबराएं नहीं, लेकिन सतर्क जरूर रहें। आगरा में यमुना का जलस्तर जिस तेजी से बढ़ रहा है, उससे खतरा और बढ़ सकता है। प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है, लेकिन लोगों की सतर्कता ही उन्हें सुरक्षित रख सकती है। यह समय अफवाहों से बचकर सही जानकारी पर भरोसा करने का है।
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