Agra Yamuna Flood Alert News: लगातार बढ़ रहा यमुना का जलस्तर,डीएम ने किया घाटों का दौरा, लिया हालातों का जायजा

कैलाश घाट पहुंचे डीएम

आगरा।यमुना नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर की ओर बढ़ रहा है। प्रशासन लगातार अलर्ट पर है। शनिवार को डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने कैलाश गांव और घाट का दौरा किया। उन्होंने ग्रामीणों से मुलाकात की और उनकी समस्याएं सुनीं। डीएम ने मौके पर मौजूद राजस्व टीम, डीपीआरओ और स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी हालत में लोगों की सुरक्षा से समझौता न हो।

Agra DM Arvind Mallappa inspecting Yamuna flood situation 2025"
यमुना किनारे हालातों का जायजा लेने पहुंचे डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी साथ् हैं एडीएम फाइनेंस शुभांगी शुक्ला

गोकुल बैराज से लगातार छोड़ा जा रहा पानी

गोकुल बैराज से पानी छोड़े जाने का असर सीधे आगरा पर पड़ रहा है। शनिवार की सुबह जल संस्थान पर नदी का स्तर 152.165 मीटर दर्ज किया गया। पिछले 48 घंटों से जलस्तर लगातार ऊपर जा रहा है। अधिकारियों का अनुमान है कि आने वाले समय में जलस्तर और बढ़ सकता है।रविवार को सुबह 152.330 मीटर पहुं गया। पानी लगातार बढ़ रहा है। मीडिय प्लड लेवल पर जलस्तर पहुंचने पर दर्जनों गांव इसकी जद में आ सकते हैं।

Agra villagers moving to relief camp during Yamuna flood 2025"
डीएम को वाटर लेवल के बारे में बतातीं एडीएम फाइनेंस शुभांगी शुक्ला

मीडियम फ्लड लेवल से ये इलाके हो सकते हैं प्रभावित

  • सदर तहसील : बुर्ज, नगला छीतर सिंह, मेहरा नाहरगंज, महल बादशाही, नगला तल्फी, नगला पैमा।
  • फतेहाबाद तहसील : शाहिदपुर, वीरपुरा, बेहड़, पारौली सिकरवार, बिचौला, गिदरौन।
  • एत्मादपुर तहसील : नगला धीमर, बढ़नुपरा, रहनकलां, नगला कटा।

इन गांवों में बाढ़ का असर दिखना शुरू हो गया है। खेतों में पानी भर चुका है और कुछ घरों तक भी पानी पहुंचने लगा है।

"Flood water in Agra villages fields and houses Yamuna flood 2025"
यमुना किनारे रहने वाले लोगों से बातचीत कर जानकारी लेते डीएम

यमुना में यहां से हो रही वाटर रिलीजिंग

बैराज का नाम

ताजेवाला बैराज

ओखला बैराज

गोकुल बैराज



लो फ्लड लेवल- 495.00 फीट

मीडियम फ्लड लेवल- 499 फीट

हाई फ्लड लेवल- 508 फीट


चंबल- 119.30 मी.

हाई फ्लड लेवल- 136.60 मीटर

अलर्ट लेवल- 127.00 मीटर

डेंजर लेवल- 130.00 मीटर


इनका ये है फ्लड लेवल

खानवा बांध-9.0 मी.

तेरहमोरी बांध- 9.0 मी.

खारी नदी अकोला- 531 मी.

चंबल पिनाहट 130 मी.


40 परिवार विस्थापित

सदर तहसील के ठार आश्रम, मौजा मेहरा नाहरगंज में बाढ़ का पानी घुस गया। यहां के 40 परिवारों को प्रशासन ने तुरंत सुरक्षित स्थानों पर बने शरणालयों में भेजा। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को प्राथमिकता दी गई। शरणालयों में भोजन, पानी और दवाइयों की व्यवस्था की गई है।

Relief camp set up at ITI Balkeshwar for Yamuna flood victims"
मेडिकल कैंप में जायजा लेने पहुंचे सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव

बल्केश्वर रिलीफ कैंप का लिया जायजा

आईटीआई बल्केश्वर में प्रशासन ने बड़ा बाढ़ शरणालय स्थापित किया है। डीएम ने वहां पहुंचकर हालात का जायजा लिया। उन्होंने शरणालय में रह रहे परिवारों से बात की और उन्हें भरोसा दिलाया कि प्रशासन हर जरूरत पूरी करेगा।

पार्वती घाट और विसर्जन घाट का हाल

डीएम ने पार्वती घाट और मूर्ति विसर्जन घाट का भी दौरा किया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गणेश विसर्जन के समय सुरक्षा इंतजाम पुख्ता रहें। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और एनडीआरएफ की तैनाती की जाएगी।

Health team providing medical support to Agra flood victims"
घाट के किनारे पानी आने पर लगाई गई बैरिकेडिंग को देखते डीएम

गणेश विसर्जन के लिए गाइडलाइन


नदी में उतरकर विसर्जन न करें।

नगर निगम द्वारा बनाए गए कृत्रिम कुंडों का प्रयोग करें।

बच्चों और बुजुर्गों को नदी किनारे न लाएं।

भीड़-भाड़ में सावधानी बरतें।

गांवों में चिंता और बेचैनी

नगला पैमा और शाहिदपुर के ग्रामीणों ने बताया कि पानी खेतों में घुस गया है। धान और बाजरे की फसलें खराब होने लगी हैं। मवेशियों को चारा खिलाने की दिक्कत है। कई परिवार ऊंचे स्थानों पर रिश्तेदारों के घर चले गए हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने गांव-गांव में मेडिकल टीम भेजी है। दवा वितरण शुरू कर दिया गया है ताकि मच्छरों और दूषित पानी से होने वाली बीमारियों पर काबू पाया जा सके। टीमें शरणालयों में भी जाकर स्वास्थ्य परीक्षण कर रही हैं। बाढ़ ग्रसित इलाकों में जिला प्रशासन द्वारा अभियान चलाकर पीड़ित लोगों को आश्रय स्थलों पर ले जाया जा रहा है। ऐसे में इन इलाकों व आश्रय स्थलों में स्वास्थ्य विभाग की टीम सक्रिय हो गई है। सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने फतेहाबाद पहुंचकर आश्रय स्थलों में बाढ़ पीड़ितों को दी जा रहीं मेडिकल सुविधाओं को परखा।

Cattle stranded due to Yamuna flood in Agra villages"
मेडिकल कैंप में पहुंचे सीएमओ

सीएमओ ने बताया कि सभी स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को बाढ़ की चपेट में आए ग्रामीणों को बेहतर चिकित्सा मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों व आश्रय स्थलों में स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा मेडिकल कैंप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ आने पर संक्रामक रोग तेजी से फैलने लगते हैं ऐसे में बचाव की करने आवश्यकता है।बाढ़ कैंप में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मरीजों को उपचार दिया, जिसमें 35 डायरिया, 98 बुखार, 39 चर्म रोग, 155 अन्य रोगों के मरीज मिले। इन मेडिकल कैंपों में 2025 क्लोरीन टैबलेट, 3250 ओआरएस व अन्य दवाएं दी गईं।

पशुपालन विभाग की चुनौती

बाढ़ से सिर्फ लोग ही नहीं, मवेशी भी प्रभावित हो रहे हैं। चारे की कमी सबसे बड़ी समस्या है। प्रशासन ने आदेश दिया है कि प्रभावित गांवों में पशुओं के लिए सूखा चारा और हरा चारा पहुंचाया जाए।

1978 में आयी थी यमुना में बाढ़

स्थानीय बुजुर्गों ने बताया कि इस बार यमुना का जलस्तर उन्हें 1978 की बाढ़ की याद दिला रहा है। उस वक्त कई गांव पूरी तरह डूब गए थे। हजारों लोग विस्थापित हुए थे। आज प्रशासन के पास संसाधन ज्यादा हैं, लेकिन खतरा उतना ही बड़ा है।

1978 Yamuna flood Agra historical comparison 2025"
कैलाश घाट से यमुना को देखते डीएम                  

सतर्क रहें, अफवाहों से बचें

डीएम ने कहा कि नागरिक अफवाहों पर ध्यान न दें। किसी भी आपात स्थिति में कंट्रोल रूम नंबर पर संपर्क करें। उन्होंने कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की मदद ली जा रही है। नावें और मोटरबोट तैनात की जा चुकी हैं।

नागरिकों के लिए जरूरी हिदायतें

  1. जरूरी कागजात वॉटरप्रूफ बैग में सुरक्षित रखें।
  2. अनाज और मवेशियों का चारा ऊंचे स्थान पर रखें।
  3. बिजली और गैस सप्लाई बंद रखें।
  4. बच्चों और महिलाओं को नदी किनारे न जाने दें।
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