आगरा। जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने जनपद में फार्मर रजिस्ट्री की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि निर्धारित समय में सभी किसानों की रजिस्ट्री सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जो किसान अपनी फार्मर रजिस्ट्री नहीं कराएंगे, उन्हें एक जनवरी 2026 से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिल सकेगा।
समीक्षा के दौरान बताया गया कि शासन द्वारा आगरा जनपद को 3,04,902 किसानों की फार्मर रजिस्ट्री बनाने का लक्ष्य दिया गया है। अब तक 1,86,675 किसानों की रजिस्ट्री पूर्ण की जा चुकी है। वर्तमान में प्रदेश का औसत 57 प्रतिशत है जबकि आगरा का औसत 61 प्रतिशत है। प्रदेश स्तर की तुलना में जनपद आगरा को अब तक 20वां स्थान प्राप्त हुआ है।
डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि रजिस्ट्री की गति को और तेज किया जाए ताकि निर्धारित समय सीमा में कार्य पूरा हो सके। उन्होंने कहा कि किसान सम्मान निधि का सीधा लाभ तभी मिलेगा जब किसान अपनी फार्मर रजिस्ट्री करा लेंगे।
तहसीलवार आंकड़ों के अनुसार,
तहसील सदर में 11,046
बाह में 30,123
एत्मादपुर में 15,658
फतेहाबाद में 17,985
खेरागढ़ में 24,131
किरावली में 19,284 किसानों की फार्मर रजिस्ट्री अभी अवशेष है।
डीएम ने सभी खंड विकास अधिकारियों, उप जिलाधिकारियों और कृषि विभाग के अफसरों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में किसानों को जागरूक करें और विशेष प्रचार अभियान चलाएं, ताकि कोई पात्र किसान रजिस्ट्री से वंचित न रहे।
उन्होंने कहा कि फार्मर रजिस्ट्री किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण पहल है। इससे किसानों को भूमि स्वामित्व, ऋण, बीमा, अनुदान और अन्य योजनाओं का लाभ आसान और पारदर्शी तरीके से मिल सकेगा। साथ ही मृतक, भूमिहीन या मिसमैच रिकॉर्ड वाले प्रकरणों को तुरंत अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं।
डीएम ने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में फार्मर आईडी रजिस्ट्री शिविर आयोजित किए जाएं ताकि पात्र किसान मौके पर ही रजिस्ट्री करा सकें। उन्होंने बताया कि रजिस्ट्री पूरी होने के बाद किसानों को बार-बार ई-केवाईसी कराने की जरूरत नहीं होगी।
डीएम ने कहा कि फार्मर रजिस्ट्री पूरी होने के बाद किसानों को बैंक से डिजिटल केसीसी लोन पात्रतानुसार कम समय में मिल सकेगा। कृषि विभाग की योजनाओं में सब्सिडी का लाभ, फसल बीमा, मुआवजा, और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पंजीकरण का कार्य पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि फार्मर रजिस्ट्री से जुड़े डाटा को रियल टाइम खतौनी सिस्टम से जोड़ा गया है। इससे जब भी किसी किसान की भूमि या स्वामित्व में परिवर्तन होगा, वह डाटा स्वतः अपडेट होकर रजिस्ट्री में दर्ज हो जाएगा।डीएम ने अधिकारियों से कहा कि इस कार्य में किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए, क्योंकि इसका सीधा लाभ किसानों तक पहुंचता है। उन्होंने कहा कि यह कार्य किसानों के आर्थिक सशक्तीकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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