जल है तो कल है... आओ बचाएं हर बूंद!
प्री-मानसून में बह गया ‘अमृत’; दो दिन की बारिश में बह गया लाखों लीटर पानी, रश्मि नगर बना मिसाल
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वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम न होने से हर वर्ष ऐसे बह जाता है लाखों लीटर पानी |
आगरा:आगरा में मानसून की दस्तक से पहले ही वर्षा का वरदान मिला लेकिन अफसोस, यह अमूल्य अमृत शहर की सड़कों, नालियों और नालों में बह गया। सोमवार और मंगलवार को हुई 66 मिमी बारिश से शहर तर-बतर हो गया, लेकिन इस जल को सहेजने के लिए कोई पुख्ता इंतजाम नहीं दिखा। विशेषज्ञ चेताते हैं— अगर यही हाल रहा तो कुछ वर्षों में पीने का पानी भी संकट में आ सकता है।
कहां गया बारिश का पानी?
कंक्रीट के जंगल में बदलते शहर में तालाब, पोखर, और ज़मीन की पानी सोखने की क्षमता खत्म होती जा रही है। भूगर्भ जल का स्तर हर साल नीचे जा रहा है। 2023 की तुलना में 2024 में बारिश अधिक हुई, तो जलस्तर में थोड़ी राहत दिखी। लेकिन दीर्घकालीन समाधान सिर्फ रेन वाटर हार्वेस्टिंग ही है।
रश्मि नगर बना मॉडल
मुगल रोड स्थित रश्मि नगर कॉलोनी का A ब्लॉक आज पूरे शहर के लिए मिसाल है। जहां दो दशक पहले पानी के लिए हाहाकार मचा था, वहां आज 150 फीट गहरे भूजल तक स्थिर जल स्तर है।“2006-07 में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया। पार्क में बना फिल्टरेशन प्लांट बारिश का पानी जमीन में भेजता है। पहले सबमर्सिबल सूख जाते थे, आज वही पानी घरों में आ रहा है।”
आगरा में भूजल स्तर का हाल
भूगर्भ जल विभाग के अनुसार, आगरा में औसतन 675 मिमी वर्षा होती है।
- 100 वर्गमीटर की छत से सालाना 57,000 लीटर पानी संचित किया जा सकता है।
- परन्तु अधिकतर भवनों में यह सिस्टम अनुपस्थित है।
- वर्ष 2023 में ADA ने 350 भवन स्वामियों को नोटिस भेजे, जिन्होंने यह सिस्टम नहीं लगाया।
पोस्ट मानसून जलस्तर (मीटर में):
क्षेत्र |
2023 |
2024 |
नुनिहाई |
10.66 |
8.67 |
करिअप्पा मार्ग |
13.80 |
12.56 |
विजय नगर |
13.06 |
11.87 |
ट्रांसपोर्ट नगर |
30.66 |
30.70 |
आगरा कॉलेज समीप |
20.00 |
18.42 |
खंदारी |
31.25 |
30.66 |
जिले की स्थिति पर एक नजर
- क्रिटिकल बाह, जैतपुर कलां
- सेमी क्रिटिकन अछनेरा, अकोला, जगनेर, खेरागढ़, पिनाहट
- ओवर एक्सपलॉइटेड, आगरा शहर, बिचपुरी, एत्मादपुर, खंदौली, शमसाबाद आदि
इनकी भी सुनिए
“शहर का अधिकांश वर्षा जल फिल्टर होकर जमीन में जाना चाहिए, मगर यह सीधे नालियों में जा रहा है। यदि प्रत्येक मकान में सिस्टम लगे तो सालाना करोड़ों लीटर भूजल रिचार्ज हो सकता है।” शशांक शेखर सिंह, वरिष्ठ जियो-फिजिसिस्ट (भूगर्भ जल विभाग)
कानून है, पर पालन नहीं
- 300 वर्गमीटर से बड़े भवनों के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य है।
- ADA भवन मानचित्र स्वीकृति के समय शुल्क लेता है, लेकिन अधिकतर में व्यवस्था जमीन पर नहीं दिखती।
वाटर हार्वेिस्टंग सिस्टम को किया जाए अनिवार्य
- सरकार और नगर निगम को चाहिए कि सभी भवनों में सिस्टम की ऑडिटिंग करे।
- विद्यालयों और कॉलोनियों में जागरूकता अभियान चलें।
- नई कॉलोनियों में अनिवार्य रूप से योजना के साथ-साथ सिस्टम का क्रियान्वयन हो।
कॉल टू एक्शन: अब नहीं तो कभी नहीं
अब वक्त आ गया है कि हम सिर्फ "जल है तो कल है" बोलें नहीं, जिएं।
हर बारिश की बूंद को सहेजें, ताकि भविष्य भीगी हुई उम्मीदों से भरा हो।
वॉटर रिचार्ज के तरीके
- रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम
- नहर
- तालाब
- बारिश
- नदी
वर्ष 2022
असेसमेंट यूनिट नेम कैटेगिरीज
अछनेरा -सेमी क्रिटिकल
आगरा सिटी -ओवर एक्सपलॉइटेड
अकोला- ओवर एक्सपलॉइटेड
बाह -क्रिटिकल
बरौली अहीर - ओवर एक्सपलॉइटेड
बिचपुरी-ओवर एक्सपलॉइटेड
एत्मादपुर -ओवर एक्सपलॉइटेड
फतेहाबाद -ओवर एक्सपलॉइटेड
फतेहपुर सीकरी -ओवर एक्सपलॉइटेड
जगनेर -सेमी क्रिटिकल
जैतपुर कलां -क्रिटिकल
खंदौली-ओवर एक्सपलॉइटेड
खेरागढ़-सेमी क्रिटिकल
पिनाहट -सेमी क्रिटिकल
सैंया-ओवर एक्सपलॉइटेड
शमसाबाद -ओवर एक्सपलॉइटेड
(सेंट्रल ग्राउंड वॉटर रिसोर्स द्वारा वर्ष 2022 में ग्राउंड वॉटर रिसोर्स असेसमेंट की रिपोर्ट में बताई गई स्थिति.)
वर्ष
2020
पहले एक सेफ जोन में था
असेसमेंट यूनिट नेम कैटेगिरीज
अछनेरा क्रिटिकल
आगरा सिटी ओवर एक्सपलॉइटेड
अकोला ओवर एक्सपलॉइटेड
बाह क्रिटिकल
बरौली अहीर ओवर एक्सपलॉइटेड
बिचपुरी ओवर एक्सपलॉइटेड
एत्मादपुर ओवर एक्सपलॉइटेड
फतेहाबाद ओवर एक्सपलॉइटेड
फतेहपुरसीकरी ओवर एक्सपलॉइटेड
जगनेर सेमी क्रिटिकल
जैतपुर कलां सेमी क्रिटिकल
खंदौली ओवर एक्सपलॉइटेड
खेरागढ़ सेमी क्रिटिकल
पिनाहट सेफ
सैंया ओवर एक्सपलॉइटेड
शमसाबाद ओवर एक्सपलॉइटेड
ग्राउंड वॉटर की स्थिति (मीटर में)
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