ग्रेटर आगरा का सपना अब होगा साकार: रायपुर और रहनकलां में शुरू हुआ फील्ड सर्वे, 481 करोड़ का मुआवजा बंटना
आगरा:कभी फाइलों में सिमटा ग्रेटर आगरा परियोजना अब हकीकत बनने की ओर अग्रसर है। आगरा विकास प्राधिकरण (ADA) ने रायपुर और रहनकलां गांवों में ग्रेटर आगरा के लेआउट प्लान को ज़मीन पर उतारने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। जुलाई 2026 तक लेआउट तैयार हो जाएगा, और इसका विकास पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर किया जाएगा।
मुख्य बिंदु:
- कागजों में रहा ग्रेटर आगरा अब ज़मीन पर उतरने को तैयार
- रायपुर और रहनकलां के किसानों को अब तक ₹155 करोड़ का मुआवजा वितरित
- कुल 442 हेक्टेयर भूमि के लिए ₹481.9 करोड़ मुआवजे की प्रक्रिया जारी
- दिल्ली की डीडीएफ फर्म को सौंपा गया लेआउट प्लान का कार्य
- फील्ड सर्वे में चिह्नित किए जा रहे हैं हाई फ्लड लेवल, पेड़ और हाईटेंशन लाइनें
- यमुना के डूब क्षेत्र का भी हो रहा सीमांकन, एनजीटी के आदेशों के अनुसार
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते ताज ट्रेपेजियम जोन में पेड़ों को नहीं काटा जा सकता
कब-क्या-कैसे: ग्रेटर आगरा का विकास रोडमैप
कार्य |
विवरण |
विकास क्षेत्र |
रायपुर, रहनकलां (612 हेक्टेयर) |
मुआवजा राशि |
₹481.9 करोड़ (₹155 करोड़ वितरित) |
विकास मॉडल |
PPP मोड |
फर्म |
DDF (दिल्ली) |
समाप्ति लक्ष्य (लेआउट सर्वे) |
जुलाई 2026 तक |
प्रमुख एजेंसी |
आगरा विकास प्राधिकरण (ADA) |
क्या मिलेगा ग्रेटर आगरा में?
- सुव्यवस्थित टाउनशिप
- बेहतर रोड नेटवर्क (इनर रिंग रोड शामिल)
- यमुना किनारे नियोजित विकास
- आधुनिक अधोसंरचना
- पर्यावरण संरक्षण के मानकों के साथ योजनाबद्ध विकास
- निवेश के नए अवसर और क्षेत्रीय रोजगार
"लेआउट प्लान तैयार करने से पहले वास्तविक ज़मीनी स्थिति का सर्वे बेहद जरूरी है। पेड़ों, नालों, हाईटेंशन लाइनों और जलभराव के क्षेत्रों को सटीकता से चिह्नित किया जा रहा है ताकि विकास कार्यों में किसी प्रकार की बाधा न आए।" एम. अरुणमोल्ली, एडीए उपाध्यक्ष आगरा
पीपीपी मॉडल से कम होगा खर्च, बढ़ेगा विकास
ग्रेटर आगरा परियोजना का विकास PPP मोड पर किया जाएगा। इसके तहत विकासकर्ता क्षेत्र को विकसित कर ADA को सौंपेंगे और बदले में उन्हें विकसित भूखंड मिलेंगे। इससे ADA को बड़ी रकम खर्च नहीं करनी पड़ेगी और योजना समय से पूरी होने की संभावना बढ़ेगी।
ग्रेटर आगरा परियोजना: कागज़ों से ज़मीन तक
परियोजना का नाम: ग्रेटर आगरा (Raipur–Rahnkalan Masterplan)
कुल मुआवजा राशि: ₹481.9 करोड़
अब तक वितरित मुआवजा: ₹155 करोड़
कुल अधिग्रहीत भूमि: 442 हेक्टेयर
विकास मॉडल: PPP (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप)
फील्ड सर्वे में क्या-क्या हो रहा है?
✅ यमुना डूब क्षेत्र की पहचान (NGT के निर्देश अनुसार)
✅ पेड़ों और हाईटेंशन लाइन की मैपिंग
✅ हाई फ्लड लेवल चिह्नित करना
✅ DDF (दिल्ली) द्वारा लेआउट प्लान निर्माण
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