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बिज़नेस न्यूज़। यूपी। हिन्दी समाचार।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में संभावनाओं की नई राहें, गुणवत्ता और निर्यात पर जोर
तीन दिवसीय फूड एक्सपो एंड कांक्लेव 2025 की भव्य शुरुआत, 100 से अधिक स्टॉल्स पर उत्पादों की प्रदर्शनी, तीन हजार से अधिक उद्यमियों की सहभागिता
100 उद्यमियों ने लगाई अपने उत्पादों की प्रदर्शनी
फूड एक्सपो एंड कांक्लेव की स्टॉल से जानकारी लेते विजिटर
उन्होंने कहा कि नवाचार आधारित उत्पादों का दौर है और उद्योग जगत को अब सिर्फ उत्पादन तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि मार्केटिंग और निर्यात की दिशा में सशक्त कदम उठाने होंगे। कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से आए 100 से अधिक उद्यमियों ने अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई, जिसमें बेकरी, मसाले, आचार, हींग, आइसक्रीम, दालें, आटा, सत्तू, मेवा, बीज और फूड पैकिंग से जुड़े स्टॉल्स शामिल रहे। एमएसएमई मंत्रालय का सहयोग, छोटे उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा कार्यक्रम का आयोजन चैंबर ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री एसोसिएशन द्वारा भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के सहयोग से किया गया। दूसरे सत्र में लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष राकेश गर्ग ने कहा कि प्रदेश में जल्द इंडस्ट्री फैसिलिटेशन काउंसिल की स्थापना की जाएगी, जिससे उद्योग स्थापित करने की समस्त जानकारी एक ही स्थान पर मिल सकेगी। |
आगरा बन रहा मसालों का हब
फूड एक्सपो एंड कांक्लेव एग्जीबिशन की स्टॉल से जानकारी लेते डीएम अरविंद मल्लपा बंगारी
फुटवियर एंड लेदर उद्योग विकास परिषद के अध्यक्ष पूरन डावर ने कहा कि भारत न केवल फुटवियर उद्योग में विश्व में दूसरे स्थान पर है, बल्कि कृषि और मसालों के उत्पादन में भी अग्रणी है। उन्होंने कहा कि आगरा मसालों के क्षेत्र में एक उभरता हुआ राजधानी केंद्र बनता जा रहा है, जिसने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को नई पहचान दी है।
उपभोक्ता की सेहत प्राथमिकता हो: रेखा एस चौहान
अपर आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन रेखा एस चौहान ने कहा कि स्वस्थ उत्पादों की आपूर्ति ही टिकाऊ ब्रांड की पहचान बनती है। विभाग अब खाद्य व्यवसायियों को प्रशिक्षण देने के लिए प्रायोगिक प्रशिक्षण मॉडल ला रहा है, जिसकी शुरुआत जुलाई में लखनऊ से होगी। इसमें स्ट्रीट फूड से लेकर बड़े ब्रांड्स तक की श्रेणियां तय की जाएंगी।
गुणवत्ता व शुद्धता ही ब्रांड की पहचान
एफएसएसएआई के संयुक्त निदेशक अंकलेश्वर ने कहा कि यदि नियमानुसार उत्पादन किया जाए, तो कोई विभाग उद्यमियों को परेशान नहीं करेगा। वहीं एमएसएमई संयुक्त निदेशक डॉ. आरके भारती ने बताया कि जल्द ही फैसिलिटेशन सेंटर की शुरुआत की जाएगी, जहां उद्यमियों को योजनाओं की विस्तृत जानकारी मिलेगी। फूड प्रिजर्वेटिव सलाहकार दीप शाह ने कहा कि सभी प्रिजर्वेटिव हानिकारक नहीं होते, यदि मानक के अनुसार उपयोग हो। विशेषज्ञ पंकज ने कहा कि प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करें और फिल्टर पानी का उपयोग करें। यदि चूना मिलाना जरूरी हो तो वह 100 गुना पानी में घुला होना चाहिए और मात्र 1% से अधिक न हो।
स्टॉल्स पर दिखा स्वाद व नवाचार का संगम
गोविंद पंसारी द्वारा लगाए गए स्टॉल पर दूध मसाला की खुशबू और स्वाद ने आकर्षित किया। एक चम्मच मसाला कढ़ाई वाले दूध का स्वाद देता है। वहीं विनायक स्वीट्स ने प्रिजर्वेटिव रहित आइसक्रीम और भविष्य में मिलेट्स बेस्ड आइसक्रीम की योजना साझा की।चौबीज मसाले की स्टॉल पर मूंग दाल पकौड़ी मिक्स इंस्टंट पाउडर पहली पसंद बना। दुकानदारों को अब स्कीम वाउचर के लिए दुकान तक जाने की जरूरत नहीं, स्कैन कोड से स्क्रैच मनी सीधे खाते में जाएगी।
तीन हजार से ज्यादा प्रतिभागी पहुंचे
फूड एक्सपो के पहले दिन तीन हजार से अधिक उद्यमी और व्यापारी पहुंचे। प्रदर्शनी में स्वास्थ्य, स्वाद और स्वदेशी उत्पादों के संगम ने भविष्य की खाद्य सुरक्षा और व्यापार संभावनाओं की झलक दी।
ये रहे मौजूद
विजय गुप्ता (जिलाध्यक्ष, लघु उद्योग भारती), उमेश गर्ग, अजय अग्रवाल, दिनेश राठौर, विष्णु कुमार गोयल, राजकुमार भगत, अनुज सिंघल, मनीष अग्रवाल (मुख्य सलाहकार) सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।
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