Electricity Bill न्यूज़। यूपी समाचार। टूडे न्यूजट्रैक। उत्तर प्रदेश
बिल कम करने के नाम पर अब नहीं होगा उपभोक्ताओं का शोषण:डीवीवीएनएल ने किया बिलिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव, रीडिंग की फोटो और मोबाइल डाउनलोड से बनेगा बिल
कैसे होगा बिल तैयार?
अब मीटर की रीडिंग दो तरीकों से की जाएगी:
- ओसीआर (ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन) तकनीक के माध्यम से रीडिंग की फोटो ली जाएगी, जो सीधे विभागीय ऐप में अपलोड होकर स्वतः बिल जनरेट करेगा।
- दूसरा तरीका है कि मीटर में केबल लगाकर मोबाइल से रीडिंग डाउनलोड की जाएगी। इस प्रक्रिया में किसी भी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है।
इन दोनों तरीकों से बिल बनने के बाद उपभोक्ता के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर बिल का मैसेज स्वतः भेज दिया जाएगा।
पुराने सिस्टम की खामियां
पहले मीटर रीडर रीडिंग की पर्ची निकालकर उपभोक्ता से बिल कम करने के बदले पैसे मांगते थे। इसके लिए मीटर में गड़बड़ी की जाती थी, जिससे न केवल उपभोक्ता को भविष्य में नुकसान होता था बल्कि निगम को भी राजस्व हानि झेलनी पड़ती थी।
नई व्यवस्था में पारदर्शिता
अब पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और तकनीकी रूप से मजबूत होगी। रीडिंग में हेरफेर की कोई संभावना नहीं रहेगी और उपभोक्ताओं को सही और समय पर बिल मिलेगा।
उपभोक्ताओं को खुद करनी होगी केवाईसी
जिन उपभोक्ताओं ने अब तक अपना मोबाइल नंबर अपडेट नहीं कराया है, वे उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) की वेबसाइट पर जाकर स्वयं केवाईसी (KYC) कर सकते हैं। इसके अलावा डीवीवीएनएल स्वयं भी एक अभियान चला कर केवाईसी प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है।
"बिलिंग सिस्टम में बदलाव किया गया है। अब ओसीआर और डाउनलोड के माध्यम से बिलिंग की जा रही है। इससे उपभोक्ता का शोषण नहीं हो सकेगा। यही हमारा उद्देश्य है।"
कपिल सिंधवानी, मुख्य अभियंता, डीवीवीएनएल
मुख्य बिंदु एक नजर में
- अब मीटर रीडिंग की फोटो और मोबाइल से डाउनलोड के आधार पर बनेगा बिल
- मीटर रीडर गड़बड़ी नहीं कर सकेगा
- उपभोक्ता को SMS से मिलेगी बिल की जानकारी
- खुद केवाईसी कर मोबाइल नंबर अपडेट करना होगा
- डीवीवीएनएल चला रहा विशेष अभियान
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