आगरा: 350 करोड़ की लागत से तैयार हो रहे इनर रिंग रोड के तीसरे चरण का काम अभी दो स्थानों पर अधूरा पड़ा है। ऐसे में लोगों का सुहाने सफर का सपना मार्च 2026 में ही पूरा हो सकेगा। अभी तक इसके निर्माण कार्य पूरा होने की समय सीमा तीसरी बार बढ़ाई गई है। पहले इसको मार्च 2025 तक पूरा किया जाना था। इसके बाद सितंबर 2025 तक बढ़ा दी गई। अब इसको बढ़ाकर मार्च 2026 कर दिया गया है। ऐसे में अभी छह महीने तक और इंतजार करना होगा।
आठ महीने से रुका पड़ा है काम
एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) द्वारा देवरी से ग्वालियर हाईवे तक रिंग रोड के तीसरे चरण का निर्माण किया जा रहा है। 350 करोड़ की लागत से 8 किमी. लंबे रोड का काम दो वर्ष पहले शुरु किया गया था। अभी दो स्थानों पर काम रुका पड़ा है। इसमें देवरी में अंडरपास के स्थान पर अधूरा काम पड़ा है। इसके अलावा ककुआ- कबूलपुर रोड पर भी अंडरपास बनकर तैयार हो चुका है, लेेकिन ऊपर कच्ची मिट्टी बिखरी पड़ी है। देवरी रोड पर तो काम शुरु नहीं हो सका है। देवरी के रहने वाले यशपाल सिंह ने बताया कि ये काम आठ महीने से ऐसे ही रुका पड़ा है। हालांकि एनएचएआई के परियोजना निदेशक ने बताया कि जो देवरी गांव के पास अंडरपास को लेकर काम रुका पड़ा था। अब उसे मुख्यालय से अनुमति प्राप्त हो चुकी है। जल्द ही काम शुरु करा दिया जाएगा।
अधूरे रोड से ही गुजर रहे वाहन
बाद स्थित ग्वालियर हाईवे के देवरी तक जायजा लिया गया तो देखा कि अधूरे रोड पर ही वाहन फर्राटे भरते नजर आए। इसमें चार पहिया से लेकर बाइक कार डीसीएम आदि दौड़ती नजर आईं। आपको बता दें कि अधूरे पड़े रोड पर कई स्थानों पर बेरिकेडिंग तक नहीं है। ऐसे में कोई हादसा हो जाए तो कोैन जिम्मेदार होगा। अधूरे पड़े रोड पर न तो कोई साइन बोर्ड लगाया है। न ही ग्वालियर हाईवे पर कोई संकेतक लगाया है। इससे हादसा होने का अंदेशा बना रहता है। वहीं दूसरी ओर इनर रिंग रोड पर बाद पुल और देवरी के पास शौकीनों की हर रोज महफिल सजती है। रोड पर बिखरी कांच की बोतलें इस बात की तस्दीक करती नजर आयीं। देवरी पर रोड पर गंदगी चारों तरफ नजर आई।
दो चरणों का काम हो चुका है पूरा
इनर रिंग रोड का निर्माण तीन चरणों में किया जा रहा है। पहले और दूसरे चरण का निर्माण एडीए आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा पूरा कर दिया गया है। इसकी लंबाई 18 किमी. है. इसे 750 करोड़ की लागत से पूरा किया गया था। मौजूदा समय में ये पूरी तरह से चालू है। शहर के यातायात को राहत दे रहा है।तीसरे चरण का निर्माण एनएचएआई आगरा खंड द्वारा किया जा रहा है, जिसकी लंबाई 8 किलोमीटर है और लागत 350 करोड़ रुपये है। यह देवरी रोड से बाद गांव स्थित ग्वालियर हाईवे तक जाएगा। प्रारंभिक योजना के अनुसार इसे मार्च 2025 तक पूरा किया जाना था, लेकिन भूमि अधिग्रहण के दौरान किसानों के विरोध के कारण लगभग चार महीने का विलंब हुआ। नई समय सीमा मार्च 2026 तय की गई है। तीसरे चरण के पूरा होने के बाद यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और नेशनल हाईवे-19 से ग्वालियर हाईवे तक का सफर बिना जाम में फंसे संभव होगा।
घटेगा पॉल्यूशन का ग्राफ, शहर को मिलेगी राहत
तीसरे चरण की सड़क चार लेन चौड़ी होगी और भविष्य में इसे छह लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। इसमें डिवाइडर और आधुनिक स्ट्रीट लाइटिंग लगाई जाएगी ताकि रात के समय भी यातायात सुरक्षित रहे, दोनों ओर ड्रेनेज सिस्टम बनाया जाएगा ताकि मानसून में जलभराव न हो, और भारी ट्रैफिक के लिए उच्च गुणवत्ता वाला बिटुमिन्स कंक्रीट इस्तेमाल किया जाएगा। आने वाले वर्षों में यह रोड ग्वालियर-आगरा एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगी। एनएचएआई और राज्य सरकार की बैठकों में यह भी चर्चा हुई है कि रोड के किनारों पर लॉजिस्टिक पार्क, बस टर्मिनल और औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा सकते हैं, जिससे क्षेत्रीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। तीसरे चरण की सड़क चालू होने के बाद शमसाबाद रोड और नहर रोड से गुजरने वाले भारी वाहनों की संख्या में कमी आएगी, शहर के अंदर हाईवे पर वाहनों का दबाव कम होगा, और यमुना एक्सप्रेसवे से ग्वालियर हाईवे तक का सफर 30-40 मिनट तेज होगा। इससे ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक कंपनियों को समय और ईंधन की बचत होगी, और ताजमहल देखने आने वाले पर्यटक सीधे ग्वालियर और मध्यप्रदेश के शहरों तक पहुंच सकेंगे। भारी वाहनों के बाहरी रूट पर जाने से वायु और ध्वनि प्रदूषण भी कम होगा।
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