आगरा। एस.एन. मेडिकल कॉलेज, आगरा के फिज़ियोलॉजी विभाग ने 15 अक्टूबर को लेक्चर थियेटर-4 में एक ज्ञानवर्धक अतिथि व्याख्यान कार्यक्रम का सफल आयोजन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्राचार्य एवं डीन डॉ. प्रशांत गुप्ता रहे।
कार्यक्रम में दो प्रतिष्ठित फिज़ियोलॉजिस्ट एवं एम.डी. परीक्षकों डॉ. वरुण मल्होत्रा, अतिरिक्त प्रोफेसर, फिज़ियोलॉजी विभाग, एम्स भोपाल, और डॉ. ज्योति द्विवेदी, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, फिज़ियोलॉजी विभाग, एच.आई.एम.एस. देहरादून, अतिथि वक्ता के रूप में शामिल हुए और महत्वपूर्ण व्याख्यान प्रस्तुत किए।
डॉ. वरुण मल्होत्रा ने क्लिनिकल एप्लीकेशन्स ऑफ इवोक्ड पोटेंशियल्स पर अपने व्याख्यान में न्यूरोफिज़ियोलॉजी परीक्षणों के नैदानिक और अनुसंधानात्मक महत्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने छात्रों को इस तकनीक के चिकित्सीय और वैज्ञानिक महत्व को समझाया। डॉ. ज्योति द्विवेदी ने स्ट्रेस से संबंधित विकारों में योग की भूमिका विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए योग के वैज्ञानिक आधार और शरीरक्रियात्मक प्रभावों पर जोर दिया और छात्रों को जीवन में योग के महत्व से अवगत कराया।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इसके बाद प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. दिव्या श्रीवास्तव ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया और कहा कि ऐसे शैक्षणिक आयोजनों से स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के ज्ञानविस्तार और शैक्षणिक दृष्टिकोण में अत्यंत समृद्धि होती है।
डॉ. प्रशांत गुप्ता ने अपने उद्बोधन में विभाग के शैक्षणिक प्रयासों की सराहना की और विद्यार्थियों को सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के पहले सत्र का संचालन डॉ. राजेश गुप्ता, डॉ. ऋतु गुप्ता और डॉ. दिव्या श्रीवास्तव ने किया। दूसरे सत्र का संचालन डॉ. शिखा सिंह, डॉ. अंशिका अरोरा और डॉ. ऋचा श्रीवास्तव ने किया।
कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य और स्नातकोत्तर विद्यार्थी उत्साहपूर्वक भाग लिया। छात्रों ने दोनों सत्रों में पूछताछ की और अपने शैक्षणिक संदेह दूर किए। अंत में प्रश्नोत्तर सत्र और धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का सफल समापन हुआ।
कार्यक्रम ने न केवल फिज़ियोलॉजी विभाग के विद्यार्थियों का ज्ञान विस्तार किया, बल्कि उन्हें व्यावहारिक और अनुसंधान पर आधारित नई तकनीकों से भी परिचित कराया। अतिथि वक्ताओं ने बताया कि ऐसे आयोजनों से चिकित्सा शिक्षा में गुणवत्ता और छात्रों की सीखने की क्षमता में सुधार होता है।
इस अवसर पर विभागीय संकाय सदस्य और विभिन्न विभागों के प्रमुख उपस्थित रहे। कार्यक्रम ने कॉलेज परिसर में एक सकारात्मक शैक्षणिक माहौल का निर्माण किया और विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति उत्साह बढ़ाया।
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